तीसरे मौके में मिली ब्यावरा से कांग्रेस प्रत्याशी को 12102 वोटों से जीत, भाजपा की हार यह है कारण
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तीसरे मौके में मिली ब्यावरा से कांग्रेस प्रत्याशी को 12102 वोटों से जीत, भाजपा की हार यह है कारण

ब्यावरा से कांग्रेस के प्रत्याशी रामचंद्र दांगी ने बीजेपी प्रत्याशी नारायण सिंह पवार को 12102 वोटों से करारी शिकस्त दी ! जानिए हार जीत के कारण

तीसरे मौके में मिली ब्यावरा से कांग्रेस प्रत्याशी को 12102 वोटों से जीत, भाजपा की हार यह है कारण

ब्यावरा: राजगढ़ जिले की ब्यावरा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र दांगी ने बीजेपी प्रत्याशी नारायण सिंह पवार का 12102 वोटों से हराया. ये सीट गोवर्धन दांगी के निधन से खाली हुई थी. कांग्रेस के प्रत्याशी को 94873 वोट व 525 डाक मत पत्र मिले.

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कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के तीन कारण
 
1. तीसरी बार में मिली जीत
कांग्रेस प्रत्याशी इस विधानसभा से तीसरी बार चुनाव मैदान में है, इससे दो बार पहले उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी प्रत्याशी नारायण सिंह पंवार और रामचंद्र दांगी का 2013 में मुकाबला हो चुका है. जहां नारायण सिंह पंवार ने तीन हजार वोटों से रामचंद्र दांगी को पराजित किया था. दांगी तीसरी बार चुनाव लड़ रहे, लोगों की सहानुभूति उन्हें इस चुनाव में मिल गई.

2. गुर्जर वोटों का लाभ मिला
कांग्रेस प्रत्याशी यहां के अनुभवी चेहरा है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है. दिग्विजय की प्रतिष्ठा दांव पर होने से दांगी को लाभ मिला है. दांगी समाज के होने से जातिगत लाभ भी काफी मिला है. इस बार गुर्जर वोटरों का साथ अच्छा खासा मिलता दिखाई दिया.

3. बेदाग छवि 
कांग्रेस प्रत्याशी साफ एवं स्वच्छ छवि के है उनपर अब तक कोई आरोप नहीं लगा है. बीजेपी का एक वर्ग बीजेपी से नाराज चल रहा था जिसका फायदा दांगी को मिल गया.

 
बीजेपी प्रत्याशी की हार के कारण

1. विकास न कर पाना
नारायणसिंह पंवार 2013 से 2018 तक ब्यावरा विधानसभा के विधायक रहे है.  इस दौरान पार्टी का एक वर्ग खासा नाराज चल रहा है. अपनी भाषा शैली के कारण हमेशा से विवादों में घिरे रहते है. विधायक रहते विकास न होने से लोगों में नाराजगी साफ दिखाई दे रही है.

2. कांग्रेस को दिया मौका
कांग्रेस प्रत्याशी भी तीसरी बार चुनाव मैदान में है. दो बार हार का सामना करना पड़ा लेकिन इस बार फिर लोगों की सहानुभूति कांग्रेस प्रत्याशी के साथ नजर आयी.

3. जातिगत समीकरण रहा हार की वजह
बीजेपी के लिए जातिगत समीकरण भी इस बार हार का कारण बना है. इस बार दांगी और गुर्जर समाज का साथ नहीं मिला है. भाजपा का अंदरूनी भीतरघात हार की बड़ी वजह रही है. बीजेपी के कुछ नेता भोपाल तक नारायण सिंह पंवार को टिकट देने का विरोध कर चुके है.

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