मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने का सपना देख रही कांग्रेस के सहयोगी संगठन सेवादल ने इस चुनावी माहौल में एक बड़ी 'भूल' कर दी
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ग्वालियर: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने का सपना देख रही कांग्रेस के सहयोगी संगठन सेवादल ने इस चुनावी माहौल में एक बड़ी 'भूल' कर दी. भिंड में सोमवार से जारी होने वाले अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय शिविर से ठीक पहले ग्वालियर के सेंट्रल पार्क होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बांटे गए प्रेस नोट में आरएसएस की जमकर तारीफ की गई और संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को देशभक्त भी बताया गया. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सेवादल और संघ दोनों को फौजी अनुशासन के लिए जाना जाता है. आरएसएस के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार भी कांग्रेस से शुरू में जुड़े और शुरुआत में आजादी के आंदोलन में भाग लिया. वहीं जब यह मामला सुर्खियों में आया तो सेवादाल ने इसे प्रिंटिंग मिस्टेक बता दिया.
प्रेसनोट में कही गईं ये बातें
सेवादल के प्रेसनोट में आरएसएस की तारीफ करते हुए संघ को फौजी अनुशासन वाला संगठन बताया गया है. यही नहीं सेवादल ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार को देशभक्त भी घोषित किया है. इसके साथ ही प्रेस नोट में डॉ. हेडगेवार के 1921 के असहयोग आंदोलन में भाग लेने और जेल जाने का जिक्र भी किया गया है. प्रेस नोट में 1928 में साइमन कमीशन के भारत आगमन पर आरएसएस के आंदोलन करने का भी उल्लेख किया गया है. सेवादल के मुताबिक, आरएसएस ने आज़ादी की लड़ाई में भाग लिया था. प्रेस नोट के मुताबिक 1923 तक आजादी आंदोलन में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ता जेल जाते और माफीनामा लिखकर बाहर आ जाते थे.
बावरिया भी कर चुके हैं RSS की तारीफ
आपको बता दें कि इससे पहले विदिशा में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया और गुजरात से आए चिमन भाई वेंडूजा के साथ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई धक्का-मुक्की की घटना के बाद बावरिया ने भी संघ की तारीफ की थी. दीपक बावरिया ने उस वक्त कहा था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आरएसएस से अनुशासन सीखना चाहिए. उन्होंने कहा था कि आरएसएस के अच्छे पहलुओं की तारीफ करने में कोई संकोच नहीं है. यहां आपको यह भी बता दें कि दीपक बावरिया को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है.