यह वैरिएंट इसलिए भी खतरना है क्योंकि इसका संक्रमण गले से फेफड़ों तक पहुंचने में 3 दिन का ही समय लेता है, जबकि सामान्य संक्रमण में 7 दिन का समय लगता है.
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नई दिल्लीः कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक वैरिएंट डेल्टा प्लस को माना जा रहा है. चिंताजनक बात ये है कि भारत में भी इसके कई केस मिले हैं. हाल ही में एमपी के शिवपुरी जिले में भी कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित मरीज मिले हैं. बता दें कि इन संक्रमितों में से 4 लोगों की मौत भी हो चुकी है. मरीजों से लिए सैंपल्स की जीनोम सिक्वेंसिंग में यह खुलासा हुआ है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले 16 जून को भोपाल में भी एक मरीज में डेल्टा प्लस वैरिएंट का संक्रमण हो चुका है.
4-5 घंटे में ही हो गई मौत
कोरोना का यह वैरिएंट कितना खतरनाक है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिन 4 मरीजों की मौत हुई है, वह अपनी मौत से 4-5 घंटे पहले तक सामान्य थे और अचानक ही उनकी तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई. हालांकि कुछ मामलों में मरीजों में लक्षणदिखाई ही नहीं दिए हैं. यह वैरिएंट इसलिए भी खतरना है क्योंकि इसका संक्रमण गले से फेफड़ों तक पहुंचने में 3 दिन का ही समय लेता है, जबकि सामान्य संक्रमण में 7 दिन का समय लगता है.
महाराष्ट्र में भी मिले कई केस
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के रत्नागिरी, नवी मुंबई और पालघर में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज मिले हैं. यह वैरिएंट सबसे पहले भारत में ही पाया गया था लेकिन अब दुनिया के कई देशों में इसके मामले मिल चुके हैं.
WHO ने कोरोना वायरस के चार वैरिएंट बताए थे, जिन्हें अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा नाम दिए थे. इनमें से डेल्टा सबसे ज्यादा खतरनाक है. इसे B.1.617 नाम दिया गया था. अब शिवपुरी जिले में जो वैरिएंट मिला है, वो B.1.617.2 है, जिसे डेल्टा प्लस कहा जा रहा है.