MP Dalit Atrocities: क्या दलित सिर्फ सीएम शिवराज के लिए एक वोट! अत्याचारों में एमपी नंबर 1, देखें आंकड़े
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MP Dalit Atrocities: क्या दलित सिर्फ सीएम शिवराज के लिए एक वोट! अत्याचारों में एमपी नंबर 1, देखें आंकड़े

MP Dalit atrocities Incidents: राजनीतिक वादों के बावजूद, मध्य प्रदेश में दलितों को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है. एक बार फिर दलित युवक की हत्या और एक महिला को निर्वस्त्र करने की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इससे पहले भी मानवता को शर्मसार करने वाली कई घटनाएं हो चुकी हैं.

Incidents of Dalit atrocities in Madhya Pradesh

Incidents of Dalit atrocities in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (mp news) में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी दलितों का वोट पाने के लिए लगी है. इसी को लेकर सीएम शिवराज से लेकर बड़े-बड़े नेता दलितों को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं. हाल ही में सागर में रविदास मंदिर का शिलान्यास किया गया. मंच से सीएम शिवराज बड़ी-बड़ी बात कर रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच मध्य प्रदेश में दलितों की हालत बहुत ही ज्यादा दयनीय है और लगातार उनके साथ क्रूरता, अत्याचार, हिंसा जारी है. अब एक और मामला मध्य प्रदेश के सागर जिले से आया, जहां पर मानवता की सारी हदें पार हो गई हैं.

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बता दें कि सागर में एक दलित युवक की हत्या हो गई. साथ ही यहां दबंगों ने एक महिला को निर्वस्त्र कर दिया. एमपी में सीएम शिवराज की लाड़ली बहना को अपराधियों ने निर्वस्त्र कर दिया. बेटे को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला गया. हालांकि ये पहली घटना नहीं है. गौरतलब है कि इस घटना से पहले भी मध्य प्रदेश में दलितों के साथ अमानवीय व्यवहार को दर्शाने वाले कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. इन घटनाओं में इंदौर में दलितों को बंधक बनाकर घंटों तक पीटा जाना, छतरपुर में दलितों पर मल फेंकना, साथ ही शिवपुरी जिले में दलितों को मैला खाने के लिए मजबूर करने की खबरें आई थीं.  इन घटनाओं से न केवल मानवता शर्मसार हुई, बल्कि यह मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में दलितों की स्थिति को भी दर्शाता है.

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आंकड़े क्या बताते हैं?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने 2021 में दलितों के खिलाफ अपराधों से संबंधित डेटा जारी किया था. इस डेटा ने मध्य प्रदेश को अनुसूचित जातियों के खिलाफ सबसे अधिक अपराधों वाले राज्य के रूप में उजागर किया था, यह स्थिति 2020 में भी कायम रही थी. 2019 में, दलितों के खिलाफ अपराधों के मामले में राजस्थान पहले स्थान पर था, जबकि मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर था. बता दें कि 2021 में, भारत में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराध की कुल 50,900 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें से अकेले मध्य प्रदेश में 7,214 मामले थे. इसके अलावा, साथ ही एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामलों में भी देश में ऐसी 45,610 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें मध्य प्रदेश में 7,211 मामले शामिल थे.

बढ़ती घटनाएं
मध्य प्रदेश में 2018 से 2021 तक दलितों के खिलाफ अपराध के दर्ज मामलों का विश्लेषण करने पर ये चीज सामने आई है कि इन तीन सालों में ऐसे मामलों में 51.7% की बढ़ोतरी हुई है. बता दें कि राज्य में प्रति एक लाख की आबादी पर अनुसूचित जाति के खिलाफ 63 से अधिक अपराध हो रहे हैं.

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