दंतेवाड़ा उपचुनावः जानें कौन हैं देवती कर्मा और ओजस्वी मंडावी, दंतेवाड़ा में जिनके बीच है महामुकाबला
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दंतेवाड़ा उपचुनावः जानें कौन हैं देवती कर्मा और ओजस्वी मंडावी, दंतेवाड़ा में जिनके बीच है महामुकाबला

भाजपा विधायक भीमा मंडावी की पत्नी हैं ओजस्वी मांडवी. लोकसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. जिसके बाद यहां उपचुनाव हो रहा है.

दंतेवाड़ा उपचुनावः जानें कौन हैं देवती कर्मा और ओजस्वी मंडावी, दंतेवाड़ा में जिनके बीच है महामुकाबला

नैन्सी गौतम, नई दिल्लीः दंतेवाड़ा के दंगल में आज बारी मतदाताओं की है, विधानसभा के 273 पोलिंग बूथ पर वोटिंग जारी है. इस सीट पर बीजेपी की तरफ से ओजस्वी मंडावी, कांग्रेस की तरफ से देवती कर्मा और जोगी की पार्टी से सुजीत कर्मा समेत 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनकी किस्मत आज EVM में कैद हो रही है. बीजेपी प्रत्याशी ओजस्वी मंडावी और कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा ने भी मतदान किया है. आईये आपको बताते हैं कि कौन हैं देवती कर्मा और ओजस्वी मंडावी, जिन्होंने दंतेवाड़ा की कमान अपने कंधों पर लेने का फैसला लिया है.

कौन हैं ओजस्वी मांडवी
भाजपा विधायक भीमा मंडावी की पत्नी हैं ओजस्वी मांडवी. लोकसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन विधायक भीमा मंडावी की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. जिसके बाद यहां उपचुनाव हो रहा है, हत्या के बाद से रिक्त हुई इस सीट को भाजपा अपने कब्जे में रखना चाह रही है. स्थानीय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का मानना था कि मंडावी की पत्नी को मैदान में उतारने से यह सीट भाजपा के ही कब्जे में रहेगी, क्योंकि अब ओजस्वी मंडावी से यहां की जनता का इमोशनल अटैचमेंट भी है. यही वजह है कि ओजस्वी ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए थे. ओजस्वी अपने क्षेत्र में सक्रिय हो गई थीं. 

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भीमा मंडावी
2008 में दंतेवाड़ा जिले के गदापाल से मंडावी पहली बार विधायक चुने गए थे. 2013 में वो देवती कर्मा से हारे फिर 2018 में उन्हें भाजपा ने टिकट दिया और उन्होंने देवती कर्मा को हरा दिया. विधायक बने मंडावी बस्तर संभाग से भाजपा नेता एकलौते उम्मीदवार थे और उनकी सफलता को देखते हुए ही उन्हें भाजपा ने विधानसभा में विधायक दल का उपनेता बनाया. बीते 9 अप्रैल 2019 को दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने भीमा मंडावी के काफिले पर हमला किया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी. इस नक्सली हमले में भीमा मंडावी के साथ ही चार जवान भी शहीद हो गए थे. 

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देवती कर्मा 
देवती कर्मा, महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं, जिन्हे नक्सलियों ने झीरमघाटी में अपना निशाना बनाया था. पिछला चुनाव सिर्फ 2100 वोटों से हार चुकीं देवती को कांग्रेस ने एक बार फिर मौका दिया है, क्योंकि कांग्रेस भी इसे मुद्दा बनाकर वोटरों से सहानुभूति बटोरने की तैयारी में है. विधानसभा में कांग्रेस यह सीट बहुत कम अंतर से हारी थी. बस्तर की सिर्फ यही सीट भाजपा के पास है. इसलिए भाजपा इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखना चाह रही है,बस्तर में कुल 12 सीट हैं, जिनमें से 11 सीटों पर कांग्रेस का कब्ज़ा है, ऐसे में कांग्रेस इस सीट को जीतकर बीजेपी मुक्त बस्तर बनाना चाहती है, वहीं बीजेपी इस सीट को जीतकर बस्तर की 1 सीट जीतकर अपना वजूद बचाना चाहती है.

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महेंद्र कर्मा
वे छत्तीसगढ़ राज्य से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से संबंधित एक भारतीय आदिवासी राजनीतिक नेता थे. वह 2004 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में विपक्ष के नेता थे. वह 2000 से 2004 में राज्य गठन के बाद से अजीत जोगी कैबिनेट में उद्योग और वाणिज्य मंत्री थे. उनकी नक्सलियों द्वारा 25 मई 2013 को नक्सलियों द्वारा सुकमा में उनकी पार्टी द्वारा आयोजित एक परिनिर्वाण रैली बैठक से लौटते समय हत्या कर दी गई थी. छत्तीसगढ के सुकमा में कांग्रेस की परिवर्तन रैली थी, नक्सली हफ्ते भर पहले से ही वहां डेरा डाले हुए थे, रैली खत्म हुई. काफिला जैसे ही जंगल से गुजरा, नक्लसियों ने बारूदी सुरंग में धमाका करके उसे थाम लिया और गाड़ियों के रुकते ही नक्सलियों ने माइंस उड़ा दीं और उसके बाद एक जोरदार ब्लास्ट हुआ और दोनों गाड़ियां धमाके में उड़ गईंस जिसमे महेंद्र कर्मा की मौत हो गई.

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