''यह महत्वपूर्ण है कि पार्टी ने नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद पहली बार सुरक्षित लोकसभा सीट जीती है.'' गौरतलब है कि बस्तर चुनावों से पहले नक्सलवादियों ने भाजपा विधायक भीमा मांडवी और चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी.
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रायपुर: लोकसभा चुनाव 2019 में बुरी तरह हारने के बावजूद छत्तीसगढ़ कांग्रेस नक्सल प्रभावित बस्तर सीट की जीत से काफी संतुष्ट और खुश है. कांग्रेस अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित इस सीट से पहली बार संसदीय चुनाव जीती है. इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज ने भाजपा के बैदुराम कश्यप को 38,982 वोटों के अंतर से हराया है. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को आशा थी कि वह विधानसभा चुनावों का प्रदर्शन दोहराएगी और 11 संसदीय सीटों में से ज्यादातर उसके हिस्से में आएंगी.
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 साल के भाजपा शासन को खत्म कर प्रदेश में सरकार बनायी थी, लेकिन आशा के विपरीत राज्य की 11 संसदीय सीटों में से कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ दो कोरबा और बस्तर आई हैं. अन्य नौ भाजपा के हिस्से में गई हैं. अगर लोकसभा चुनावों की बात करें तो पिछले चार चुनावों में यह कांग्रेस का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. इससे पहले के तीन संसदीय चुनावों में कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट मिली थी.
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राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा, ''हमने आदिवासी उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित बस्तर और कांकेर सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया. यह दीगर है कि हम सिर्फ बस्तर सीट ही जीत सके, और महज 6,917 वोटों के अंतर से कांकेर हार गए. मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सीटों की संख्या बढ़ाकर दो कर ली है.'' उन्होंने कहा, ''यह महत्वपूर्ण है कि पार्टी ने नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद पहली बार सुरक्षित लोकसभा सीट जीती है.'' गौरतलब है कि बस्तर चुनावों से पहले नक्सलवादियों ने भाजपा विधायक भीमा मांडवी और चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी.