दिग्विजय सिंह ने कहा, ''ट्रस्ट में विश्व हिंदू परिषद के नेताओं को स्थान दे दिया गया, भाजपा के नेताओं को स्थान दिया गया. न्यास को राजनीतिक ढंग से डील किया जा रहा है. हम इसका विरोध करते हैं.''
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भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर ट्रस्ट में शंकराचार्य को बतौर सदस्य शामिल नहीं करने पर आपत्ति जताई है. दिग्विजय ने कहा, 'भगवान राम का भव्य मंदिर बने हम सब चाहते हैं और कोई भी व्यक्ति राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं कर रहा है. जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, तो हम उसका स्वागत करते हैं. लेकिन इन्होंने देश के जो धार्मिक गुरु हैं, चारों पीठों के शंकराचार्य उनको ट्रस्ट में स्थान नहीं दिया है. इस पर आपत्ति है.''
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दिग्विजय सिंह ने कहा, ''ट्रस्ट में विश्व हिंदू परिषद के नेताओं को स्थान दे दिया गया, भाजपा के नेताओं को स्थान दिया गया. न्यास को राजनीतिक ढंग से डील किया जा रहा है. हम इसका विरोध करते हैं. 5 अगस्त को नरेंद्र मोदी जी अगर राम मंदिर का शिलान्यास कर रहे हैं तो उसमें हमारे जितने धर्मगुरु हैं, शंकराचार्य स्वरूपानंद जी, हमारे पुरी शंकराचार्य, कांची शंकराचार्य और हमारे जितने भी शंकराचार्य हैं. हमारे रामानंद संप्रदाय के स्वामी रामा नरेश आचार्य जी, इन सबको इस में आमंत्रित किया जाना चाहिए.''
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दिग्विजिय सिंह ने कहा, ''राम मंदिर न्यास में हमारे शंकराचार्यों को जगह तो देनी चाहिए, अन्यथा हमारी इसमें आपत्ति हमेशा रहेगी. भाजपा ने इस राम जन्मभूमि न्यास को राजनीतिक बना दिया है.'' आपको बता दें कि आगामी 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर की आधारशीला रखा जाना तय हुआ है. इस कार्यक्रम के साथ ही राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
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