समिति को लिखे अपने जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि वे दो माह के बच्चे की मां हैं. जिसे लगातार ब्रेस्टफीड और मातृत्व केयर की जरूरत पड़ती है. इसलिए भारत सरकार और आईसीएमआर की तरफ से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक उन्हें 10 दिनों बाद चिकित्सकीय निगरानी में सुनवाई का अवसर देना चाहिए.
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रायपुर: दिवंगत अजीत जोगी की बहू और जेसीसीजे नेता अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी ने जाति प्रकरण मामले में मुंगेली जिला छानबीन समिति को जवाब भेज दिया है. समिति को भेजे अपने जवाब में उन्होंने मामले में और वक्त मांगा है. अपने जवाब में उन्होंने लिखा है कि बिलासपुर जिला रजिस्ट्रार कार्यालय में एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण कार्यालय 07 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक बंद रहेगा. जिसके चलते मिसल 1940 के मूल दस्तावेज नहीं उपलब्ध हो पाएंगे. इसलिए नियमों के तहत समिति को उन्हें व्यक्तिगत सुनवाई और वीडियोग्राफी में गवाहों के प्रतिपरीक्षण का अवसर भी देना चाहिए.
समिति को लिखे अपने जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि वे दो माह के बच्चे की मां हैं. जिसे लगातार ब्रेस्टफीड और मातृत्व केयर की जरूरत पड़ती है. इसलिए भारत सरकार और आईसीएमआर की तरफ से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक उन्हें 10 दिनों बाद चिकित्सकीय निगरानी में सुनवाई का अवसर देना चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि अजीत जोगी और अमित जोगी का जाति विवाद लंबे समय से चल रहा है. राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया है. जिनसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. आगामी नवंबर माह में मरवाही विधानसभा का उपचुनाव होना है, जिसमें जनता कांग्रेस की ओर से अमित जोगी चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं.
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लेकिन जाति को लेकर उन्हें आशंका है कि कांग्रेस उन्हें चुनाव लडऩे से रोक सकती है. जिसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी ऋचा जोगी की अनुसूचित जन जाति का प्रमाण पत्र मुंगेली जिले के एक गांव का पता देकर बनवा लिया है, लेकिन 17 जुलाई को जारी हुए इस प्रमाण पत्र की शिकायत कांग्रेस ने न केवल राज्यपाल बल्कि अन्य फोरम पर भी किए हैं. जहां से जाति प्रमाण को निरस्त किया जा सकता है. इसी मामले में ऋचा जोगी पेण्ड्री तहसील जरहागांव उपतहसील व जिला मुंगेली की तरफ से नोटिस दिया गया था.
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