जानकारी के मुताबिक, निवाड़ी के 71 ग्राम पंचायतों में सेनेटाइजर सहित अन्य सामग्री खरीदने के लिए MP सरकार ने 30 हजार रुपये प्रति ग्राम पंचायत के हिसाब से आवंटित किए थे. खरीदारी ग्राम पंचायत सरपंच/सचिव द्वारा की जानी थी, लेकिन सरपंच व सचिव के बगैर ही ऑर्डर दिए गए.
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निवाड़ी: कोरोना संकट में जहां एक तरफ लोग दूसरों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो जिम्मेदार पदों पर रहते हुए गैर जिम्मेदाराना और मानवता को शर्मसार करने का काम कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला निवाड़ी जिले से सामने आया है. जहां जनपद पंचायत निवाड़ी के सीईओ पर आरोप है कि एक्सपायरी डेट के सेनेटाइजर खरीदकर जबारिया ग्राम पंचायतों के माध्यम से लोगों में बंटवा दिए.
जानकारी के मुताबिक, निवाड़ी के 71 ग्राम पंचायतों में सेनेटाइजर सहित अन्य सामग्री खरीदने के लिए MP सरकार ने 30 हजार रुपये प्रति ग्राम पंचायत के हिसाब से आवंटित किए थे. खरीदारी ग्राम पंचायत सरपंच/सचिव द्वारा की जानी थी, लेकिन सरपंच व सचिव के बगैर ही ऑर्डर दिए गए.
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आरोप है कि जनपद पंचायत सीओ निवाड़ी ने भोपाल की एक कंपनी से सांठगांठ कर सेनेटाइजर इत्यादि सामग्री एक साथ पंचायतों को जबरन उपलब्ध करा दी, जिसमें ना ही किसी तरह का कोई लेबल और ना कोई स्टीकर लगा था. बताया जा रहा है कि सेनिटाइजर्स को महिला बाल विकास के वाहनों की मदद से ग्राम पंचायतों में भिजवाया जा रहा था.
इस संबंध में जब जनपद सीईओ से बात की गई तो वह कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए. वहीं ग्राम पंचायत बाघाट के सचिव सुदामा प्रसाद ने भी कुछ कहने से इनकार कर दिया. जबकि ग्राम पंचायत मुडारा के सरपंच का कहना था कि किसी भी प्रकार का कोई ऑर्डर नहीं किया है.
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उधर, मामला सामने आने के बाद अक्षय कुमार सिंह कलेक्टर ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है. उनका कहना है कि रिकॉर्ड मंगवा रहे हैं, अगर कहीं चूक हुई है तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.