शासकीय अधिवक्ता ओपी शर्मा ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 164 (Recording of confessions and statements in front of Metropolitan Magistrate or Judicial Magistrate) के तहत सीजेएम कोर्ट में लड़की के बयान दर्ज कराए हैं.
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ग्वालियर: राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के लाख प्रयासों के बावजूद मध्य प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब ग्वालियर के उपनगर मुरार थाना क्षेत्र के सीपी कॉलोनी इलाके में एक दलित नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है. लेकिन इस मामले में पीड़ित लड़की के बयानों ने पुलिस की उलझन बढ़ा दी है. पीड़िता का आरोप है कि गैंगरेप का मामला दर्ज नहीं कराने के लिए उस पर मुरार पुलिस ने दबाव बनाया और उसके साथ मारपीट की. वहीं मुरार पुलिस ने इन आरोपों को नकारा दिया है.
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पीड़िता ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
शासकीय अधिवक्ता ओपी शर्मा ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 164 (Recording of confessions and statements in front of Metropolitan Magistrate or Judicial Magistrate) के तहत सीजेएम कोर्ट में लड़की के बयान दर्ज कराए हैं. अपने बयान में लड़की ने सीजेएम कोर्ट साफ तौर पर कहा है कि वह मेडिकल अथवा अन्य औपचारिकताओं के लिए मुरार पुलिस के संरक्षण में नहीं जाना चाहती है. इसलिए सीजेएम कोर्ट ने लड़की को सीएसपी आरएन पचौरी के सुपुर्द कर दिया है.
घर में अकेला पाकर आरोपियों ने किया सामूहिक दुष्कर्म
घटना को 24 घंटे से अधिक ज्यादा हो चुके हैं लेकिन पीड़िता का मेडिकल नहीं हो सका है. ओपी शर्मा ने सीजेएम कोर्ट को बताया कि 31 जनवरी की रात 8 बजे के करीब सीपी कॉलोनी में लड़की को घर में अकेला पाकर आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. इस घटना की जानकारी मकान मालिक को लगी तो उन्होंने पीड़िता पर मामले को दबाने का दबाव बनाया. लेकिन लड़की अपने माता-पिता के साथ मुरार पुलिस थाने रिपोर्ट लिखाने पहुंची. यहां पुलिस ने आनाकानी की. एडिशनल एसपी सुमन गुर्जर के हस्तक्षेप के बाद दुष्कर्म का मामला दर्ज किया जा सका.
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पुलिस ने लड़की के आरोपों को बताया पूरी तरह बेबुनियाद
शासकीय अधिवक्ता ओपी शर्मा ने बताया कि पीड़ित लड़की ने मुरार पुलिस पर अपना और अपने परिजनों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. इसलिए न्यायालय ने लड़की को सीएसपी की अभिरक्षा में आगे की कार्रवाई के लिए भेजा है. उनका कहना है कि पीड़िता और उसके परिजनों के साथ मुरार पुलिस थाने में मारपीट भी की गई, क्योंकि वे मुकदमा दर्ज कराने पर अड़े थे. इस मामले में लड़की ने अपने शरीर पर चोटों के निशान भी दिखाए हैं. मुरार थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय ने लड़की के बयानों को झूठा बता रही है. पुलिस का कहना है कि जांच में सभी चीजें साफ हो जाएंगी.
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