कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के नाम पर धोखाधड़ीः महीनों तक भटकने के बाद भी शिकायत दर्ज नहीं, किसान परेशान
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कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के नाम पर धोखाधड़ीः महीनों तक भटकने के बाद भी शिकायत दर्ज नहीं, किसान परेशान

किसानों ने धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस थाने, एसडीएम और एसपी से लेकर कलेक्टर तक से की. लेकिन कई दिनों तक शिकायत पर विचार नहीं हुआ. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

बैतूलः मध्य प्रदेश के बैतूल में किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ. यहां उद्यानिकी विभाग ने इंदौर की एक एग्रो कंपनी से किसानों का अनुबंध कराया और प्रति एकड़ के हिसाब से 20 हजार रुपये की राशि जमा कराई. लेकिन कंपनी ने जो पौधे उन्हें दिए उनमें से कई खराब निकले, जबकि कई किसानों को तो पौधे ही नहीं दिए. किसानों ने एकजुट होकर इस बात की शिकायत जिला प्रशासन से की, लेकिन कंपनी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब जाकर जब मामला कलेक्टर और कृषि मंत्री के पास पहुंचा तब FIR का आश्वासन मिला.

  1. दो साल पहले कंपनी का किसानों से अनुबंध हुआ था
  2. कंपनी ने जो पौधे दिए वे अमानक निकले और खेत में लगाते ही मर गए
  3. अब कृषि मंत्री कमल पटेल ने FIR दर्ज करवाने का आश्वासन दिया है

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ढाई सौ किसानों से अनुबंध था, लेकिन उन्हें अमानक पौधे दिए गए
बैतूल उद्यानिकी विभाग ने 2 साल पहले किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मुनगा की खेती करने का सपना दिखाया था. विभाग ने इंदौर की उवेंगो एग्री सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से किसानों का अनुबंध कराकर उनसे 20 हजार रुपये प्रति एकड़ की राशि जमा करवाई. किसानों ने बताया कि कंपनी ने करीब ढाई सौ से ज्यादा लोगों के साथ अनुबंध किया था. लेकिन कंपनी ने कुछ किसानों को जो पौधे दिए वे खेत में लगाते ही मर गए और बाकी किसानों को तो अब पौधे मिले ही नहीं. किसानों ने इसे धोखाधड़ी बताते हुए कंपनी और उद्यानिकी विभाग की उप संचालक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.

शिकायत करने गए किसानों के साथ हुआ दुर्व्यवहार
2 साल पहले करीब 500 किसानों को चिन्हित कर उन्हें मुनगा की खेती के लिए प्रेरित किया गया, जिनमें से करीब 250 किसानों से अनुबंध करवाए गए. अनुबंध में साफ तौर पर लिखा था कि किसी भी विवाद की स्थिति में उद्यानिकी विभाग द्वारा कंपनी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. अमानक पौधों की बात पता चलते ही किसानों ने पैसा वापस लेने के लिए उद्यानिकी विभाग के सामने गुहार लगाई. लेकिन किसानों का कहना है कि इस दौरान उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और शिकायत पर विचार भी नहीं हुआ.

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कृषि मंत्री ने दिया FIR का आश्वासन
किसानों ने न्याय पाने के लिए मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर, एसपी, एसडीएम और पुलिस थानों तक में आवेदन दिए, लेकिन कोई विचार नहीं हुआ. बैतूल कलेक्टर तक मामला पहुंचने पर कृषि विभाग में पदस्थ सहायक संचालक दीपक सरेआम को जांच टीम का अधिकारी बनाया गया. जो 97 चिन्हिंत किसानों के मामले में जांच कर रहे हैं. किसानों का यह मामला कृषि मंत्री तक पहुंचते ही उन्होंने FIR का आश्वासन दिया. मंत्री कमल पटेल ने कहा कि ऐसा ही एक मामला खातेगांव में सामने आया था जहां हमने एफआईआर कराई थी, यहां भी FIR कराएंगे.

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