इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से कुल जीडीपी पर 3.5 % के हिसाब से ही कर्ज लेने की अनुमति दी जाती थी. इस हिसाब से सरकार अब तक अधिकतम करीब 24 हजार करोड़ रुपए तक कर्ज ले सकती थी, लेकिन अब यह बढ़कर 37 हजार करोड़ रुपए हो गया है.
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भोपाल: 2021-22 बजट से मध्य प्रदेश सरकार को फायदा हुआ है. केंद्रीय बजट में राज्यों को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का उधार लेने की सीमा को बढ़ा कर 4% तक कर दिया गया है. इस फैसले से प्रदेश की शिवराज सरकार को भी फायदा हुआ है. अब सरकार इस वित्तीय वर्ष में 13 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त लोन बाजार से ले सकेगी.
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इससे पहले था यह नियम
इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से कुल जीडीपी पर 3.5 % के हिसाब से ही कर्ज लेने की अनुमति दी जाती थी. इस हिसाब से सरकार अब तक अधिकतम करीब 24 हजार करोड़ रुपए तक कर्ज ले सकती थी, लेकिन अब यह बढ़कर 37 हजार करोड़ रुपए हो गया है.
वर्तमान में राज्य सरकार पर है इतने करोड़ का कर्ज
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पिछले 10 माह में 17,500 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. जिसकी वजह से राज्य पर कर्ज का बोझ भी बढ़ गया है. इस समय राज्य सरकार पर कुल 2 लाख 8 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है.
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पिछले तीन वित्तीय वर्षों में राज्य सरकार की उधारी की डिटेल्स
1- वित्तीय वर्ष 2018-19, 20496 करोड़
2- वित्तीय वर्ष 2019-20, 22371 करोड़
3- 2020-21, 21258 करोड़
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