मां-बाप से जुदा गीता, पहली बार पहुंची भगवान के द्वार, जल्द मिलने के लिए की प्रार्थना
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मां-बाप से जुदा गीता, पहली बार पहुंची भगवान के द्वार, जल्द मिलने के लिए की प्रार्थना

भारत सरकार के प्रयासों के बाद करीब 5 साल पहले पाकिस्तान से भारत लौटने वाली गीता मूक बधिर है. भारत आते ही गीता के माता-पिता को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं.

हनुमान जी से अर्जी लगाती गीता

वैभव शर्मा/इंदौर: माता-पिता से दूर रहने को मजबूर पाकिस्तान से लौटी गीता ने अब भगवान की शरण ली है. गीता ने विदिशा जिले के प्रसिद्ध मंगल आरती धाम मंदिर पहुंचकर भगवान से प्रार्थना की. इतने सालों में गीता ने पहली बार किसी मंदिर में जाकर प्रार्थना की है. इसके साथ ही गीता के माता-पिता को तलाशने के प्रयासों को भी तेज कर दिया गया है. 

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कई लोगों ने गीता को उनकी बेटी बताया
भारत सरकार के प्रयासों के बाद करीब 5 साल पहले पाकिस्तान से भारत आने वाली गीता मूक बधिर है. भारत आते ही गीता के माता-पिता को ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है. हालांकि इन 5 सालों में कई लोगों ने गीता को अपनी बेटी बताया है, लेकिन गीता ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया. अब भगवान से भी मन्नतें की जा रही है. 

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गीता की अर्जी मिलना है मां-बाप से 
5 सालों में पहली बार गीता ने खुद हनुमान जी की शरण मे पहुंचकर अपने माँ बाप से मिलने की अर्जी लगाई है. गीता के साथ गए साइन लेंग्वेज एक्सपर्ट ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि गीता विदिशा जिले के प्रसिद्ध मंगल आरती धाम मंदिर पहुंची और खुद अपनी अर्जी लगाई. माना जाता है कि विदिशा जिले की गुलाब गंज तहसील में हनुमान जी का प्रसिद्ध मंदिर है 'मंगल आरती धाम' जहां सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है.

रायसेन की दरगाह पर गीता के लिए चादर
ज्ञानेंद्र पुरोहित के मुताबिक अब गीता को उसके माता पिता से मिलाने के लिए धर्म और आस्था का सहारा भी लिया जा रहा है. कई लोग गीता के लिए दुआएं कर रहे हैं. इसी क्रम में भोपाल में पोस्टेड रेलवे पुलिसकर्मी ने भी रायसेन की दरगाह पर गीता के लिए चादर चढ़ाई है. जिससे कि अल्लाह की दुआएं उसे मिले और गीता जल्द ही अपने माता पिता से मिल सके.

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5 साल पहले पहुंची थी पाकिस्तान
दरअसल, गीता अपने मां-बाप से बिछड़कर, गलती से पाकिस्तान पहुंच गई थी. जिसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के योगदान से गीता की वतन वापसी तो हो गई. लेकिन उसके माता-पिता का पता नहीं चल सका. इस दौरान ज्ञानेंद्र और मोनिका पुरोहित द्वारा आनंद सर्विस सोसायटी में गीता की देखभाल की जा रही है. उन्हें उम्मीद है कि गीता के माता-पिता जल्द ही मिल जाएंगे. 

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