ग्रेटर नोएडा के बाद फरीदाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर है. जबकि गाजियाबाद तीसरे नंबर पर है. वहीं इस लिस्ट में नोएडा का नाम भी दर्ज है. गाजियाबाद का AQI 406 है जबकि नोएका 380 है.
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गौतमबुद्ध नगर: प्रदूषण के मामले में ग्रेटर नोएडा ने अब तक सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. गुरुवार को ग्रेटर नोएडा देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा. शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 424 पहुंच गया है, जो डार्क रेड जोन से 24 अंक ऊपर है. वहीं, 406 एक्यूआई के साथ नोएडा भी रेड जोन में पहुंच गया है. नोएडा देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर रहा.
ग्रेटर नोएडा के बाद फरीदाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर है. जबकि गाजियाबाद तीसरे नंबर पर है. वहीं इस लिस्ट में नोएडा का नाम भी दर्ज है. गाजियाबाद का AQI 406 है जबकि नोएका 380 है.
बारिश के कारण 5 जनवरी को एक्यूआई 120 पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद से प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. 9 जनवरी को एक्यूआई 360 पहुंच गया था. इसके बाद एक्यूआई में फिर सुधार हुआ, लेकिन मंगलवार और बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक अचानक फिर से बढ़ गया है. गुरुवार को तो इसने चिंताजनक स्थिति में पहुंचा दिया. गुरुवार को पहले पायदान पर पहुंच गया. सुबह 6 बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बुलेटिन में ग्रेनो का एक्यूआई 424 रहा. जबकि, नोएडा का एक्यूआई 406 पहुंच गया है.
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इसलिए हुआ यह हाल
ग्रेटर नोएडा हरियाली के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार ठंड में अधिक वायु प्रदूषण शहर की पहचान बन गया है. पिछले साल अक्टूबर से अब तक ग्रेटर नोएडा अधिकतर समय देश का पहला या दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा. निर्माण कार्य, यातायात, कूड़ा जलाया जाना, उद्योग और धूल भरी सड़कें इसकी मुख्य वजह रहीं. साथ ही मौसम का भी असर रहा है. वहीं, यूपीपीसीबी और जिला प्रशासन ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान का पालन कराने में भी असफल साबित रहा है.
क्या है प्रदूषण मापने का पैमाना?
0 से 50 तक AQI- 'अच्छा'
51 से 100- 'सामान्य'
101 से 200 - 'मध्यम'
201 से 300- 'खराब'
301 से 400- 'बहुत खराब'
401 से 500 - 'गंभीर'
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स क्या होता है?
अन्य इंडेक्स की तरह की ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) भी हवा की गुणवत्ता को बताता है. ये बताता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है. हवा की गुणवत्ता के आधार पर इस इंडेक्स में 6 केटेगरी बनायीं गई हैं. जैसे अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर. जैसे जैसे हवा की गुणवत्ता ख़राब होती जाती है वैसे ही रैंकिंग अच्छी से ख़राब और फिर गंभीर की श्रेणी में आती-जाती है.
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कोहरे ने बढ़ाई की परेशानी
गुरुवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में कोहरे ने आफत खड़ी कर. सुबह से लेकर 9 बजे तक कोहरे की वजह से दिल्ली नजर ही नहीं आ रही थी. वहीं सड़कों पर वाहन दिन में लाइट जलाकर धीमी गति से चलते नजर आए.
सांस लेना हुआ मुश्किल
जहरीली हवा में लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया है. चारों तरफ धुंध की मोटी चादर छाई दिख रही है. प्रदूषण की वजह से लोगों को आंखों में जलन के साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो रही है. सलाह है कि बुजुर्ग, बच्चे और सांस के रोगी जितना हो सके घरों में ही रहें. बहुत जरूरी हो तो ही बाहर निकलें. मास्क जरूर पहनें.
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