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प्रदीप शर्मा/भिंड: Panchayat workers on strike: सरकार द्वारा मांगें न माने जाने पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं. 22 जुलाई से उनकी हड़ताल जारी है, वहीं 29 जुलाई को कर्मचारियों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. भिंड जिले के करीब 350 कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए मंत्री ओपीएस भदौरिया को ज्ञापन सौंपा. मंत्री ने कहा कि उनकी मांग जायज है, वे इस बारे में CM शिवराज से बात करेंगे.
70 हजार कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी
प्रदेश में अपनी लंबित मांगों को लेकर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के करीब 70 हजार से अधिक संयुक्त मोर्चा के अधिकारी कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं. 17 जुलाई को चेतावनी देने के बाद 22 जुलाई से उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. करीब 18 संगठन इस प्रदर्शन में शामिल हैं, जिनमें कई कर्मचारी उग्र आंदोलन के मूड में हैं.
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350 कर्मचारी हुए अर्धनग्न
जिले के मेहगांव, लहार, अटेर, जनपद पर हड़ताल पर बैठे तीन सौ से ज्यादा कर्मचारियों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया. नारेबाजी के बाद वे सभी मंत्री ओपीएस भदौरिया के घर पहुंचे और वहां ज्ञापन सौंपा. उन्होंने कहा कि उनकी अनार्थिक मांगें, सालों से लंबित होने के बावजूद पूरी नहीं की जा रही. सरकार उस पर बात करना तक पसंद नहीं कर रही, इसी कारण पंचायत एवं ग्रामीण विकास के 18 संगठनों ने एक साथ काम बंद कर दिया.
ये हैं मांगें
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि किसी कर्मचारी की सर्विस के दौरान मृत्य होने के बाद डेढ़ लाख रुपए की अनुग्रह राशि परिवार को दी जाती है. लेकिन अनुकंपा नियुक्ति के बाद उसी राशि को सरकार हर महीने 10-10 हजार कर के वापस ले लेती है. पंचायत विभाग को छोड़ और किसी भी विभाग में ऐसा नहीं होता. उनकी मांग है कि मानवता के आधार पर सरकार इस नियम को वापस ले ले.
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ग्राम पंचायत के सभी काम रुके
संगठनों की 22 जुलाई से हड़ताल के बाद ग्राम पंचायत स्तर के सभी काम जिनमें PM आवास, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे सभी प्रकार के काम रुक गए. कर्मचारियों से ज्ञापन लेने के बाद मंत्री OPS भदौरिया ने कहा कि मांग जायज है, मानवता के आधार पर वह CM शिवराज के पास जाएंगे और समस्या के निराकरण के लिए बात करेंगे.
ये संगठन भी हैं शामिल
इस आंदोलन में राज्य के 18 संगठन शामिल हैं, जिनमें ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक, एडीईओ संगठन ,एनआरएएम ,वाटर सेड, कंप्यूटर ऑपरेटर, पीएम आवास, स्वच्छ भारत जैसे प्रमुख संगठन हैं. इस तरह के 18 संगठन प्रतिनिधियों ने MP सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा है. संयुक्त मोर्चा संगठन उग्र होकर, आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है, उन्होंने कहा, मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.
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