बाढ़ के हालातों के बीच मेन्स्ट्रुअल हाईजीन का ध्यान रखते हुए वे महिलाओं को अपने खर्चे से सेनेटरी पैड्स बांट रही हैं.
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प्रदीप शर्मा/भिंडः मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भिंड और शिवपुरी जिले में बारिश से हालात अस्त-व्यस्त होते ही बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हुए. पानी बंद हुआ, लेकिन बाढ़ के बाद राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं. भिंड में भी राहत कार्य कर भोजन और रहने के इंतजाम किए जा रहे हैं. वहीं भिंड SP की दो जुड़वा बेटियों का कारनामा लोगों को आगे आकर मदद करने की प्रेरणा दे रहा है. बाढ़ के हालातों के बीच मेन्स्ट्रुअल हाईजीन का ध्यान रखते हुए वे महिलाओं को अपने खर्चे से सेनेटरी पैड्स बांट रही हैं.
भिंड SP की जुड़वा बेटियां हैं दोनों
नव्या और भव्या दोनों जुड़वा बहन हैं, दोनों भिंड पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह की बेटियां हैं. उन्होंने अपने प्रयासों से न सिर्फ मेन्स्ट्रुअल हाईजीन को लेकर गंभीरता दिखाई, साथ ही इस विषय को लेकर समाज में जागरूकता भी फैलाई. दोनों ने अब तक अपनी सेविंग्स से महिलाओं को करीब दो हजार पैड्स वितरित किए हैं.
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दोनों बहनों को मदद करना पसंद
IPS ऑफिसर की दोनों बेटियां जमीनी स्तर पर एक आम जिंदगी जीना पसंद करती हैं. लोगों से मिलना और उनके क्षेत्र को समझना तो उन्हें पसंद है ही, उससे भी ज्यादा उन्हें ऐसे लोगों की मदद करना पसंद है, जिन्हें कम सुविधाएं मिली हैं. भिंड में बाढ़ आने की जानकारी मिलते ही महिलाओं व बच्चों को कपड़े व सेनेटरी पैड्स बांटने के लिए बाढ़ प्रभावित भारौली गांव पहुंचीं.
'मेन्स्ट्रुअल हाईजीन बेहद जरूरी'
दोनों बहनों ने बताया कि लोगों को भोजन, पानी व कपड़ों जैसी मूलभूत जरूरतों के साथ ही महिलाओं को सेनेटरी पैड्स देना भी बहुत जरूरी है. नव्या कहती हैं कि आज मेन्स्ट्रुअल हाईजीन बेहद जरूरी है, UN तक इस बारे में कहता है कि कोविड हो या बाढ़ महिलाओं के पीरियड्स तो नहीं रुकते. इसी कारण इन पर परिस्थितियों में महिलाओं को कम से कम एक अच्छा प्रोडक्ट तो मिल ही सकें.
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बना चुकी है ऑनलाइन शॉप
भव्या ने बताया कि उन्हें उनके काम के साथ पिता का नाम जुड़ना पसंद नहीं है. इसी कारण उन्होंने पैड्स भी खुद के पैसों से ही खरीदे. उन्होंने तीन साल पहले इंस्टाग्राम पर रीडिंग मैजिक नाम की ऑनलाइन शॉप भी बनाई. इसमें बुकमार्क, टी-शर्ट्स, कुशन कवर बैजेस नोटबुक, नोट पेड्स जैसे प्रॉडक्ट्स सेल किए जाते हैं. इससे जो भी प्रोफिट होता है वे उसे चेरिटी वर्क में लगा देते हैं.
ऑनलाइन होलसेलर से खरीदे पेड्स
सेनेटरी पैड्स भी दोनों ने ऑनलाइन होलसेलर से ही संपर्क कर खरीदे. भिंड के ही मनेपुरा स्थित 'राग इनोवेशन' के अनुराग पेडवाला से बात की, शुरुआत में पैड्स की रीटेल प्राइज 26 हजार रुपए बताई गई, लेकिन ऑर्डर संख्या ज्यादा होने पर दुकानदार ने पूछा कि किस काम के लिए उन्हें पैड्स की जरूरत है. बाढ़ पीड़ितों की मदद के बारे में जानकारी मिलते ही होलसेलर ने दरियादिली दिखाई.
दुकानदार ने पैड्स मेकिंग चार्ज यानी सिर्फ 10 रुपए प्रति पैकेट के हिसाब से दे दिए. इस तरह 2 हजार पैड्स के लिए उन्हें 20 हजार रुपए खर्च करने पड़े.
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सभी को मदद की प्रेरणा दे रहीं बेटियां
भिंड SP मनोज कुमार सिंह एक ओर जहां अपराध दूर कर समाज को बदलने में लगे हैं, वहीं उनकी बेटियां बड़ी ही सादगी से लोगों को जागरूक करने में लगी हैं. वे न सिर्फ दूसरों को मदद की प्रेरणा दे रही हैं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर मेन्स्ट्रुअल हाईजीन जैसी जरूरी चीजों के बारे में फैली अफवाह को दूर करने का प्रयास भी कर रही हैं.
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