Health Tips: आजकल एल्युमिनियम फॉयल का उपयोग काफी ज्यादा किया जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं की इससे कई नुकसान हो सकते हैं. आइये जाने इसके पीछे के कारण क्या-क्या हैं?
एल्युमीनियम फॉयल में खाना पैक करना अगर लंबे समय तक जारी रखा जाता है तो ये सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. आइये जानें इसे लेकर रिपोर्ट क्या कहती हैं और इससे क्या-क्या समस्या हो सकती है.
एल्युमीनियम फॉयल खाना रखने से रासायनिक प्रतिक्रिया होती है. इससे स्वाद तो बदलता ही है आपके भोजना का नेचर बजल जाती है. खट्टी चीजें एल्युमीनियम के साथ जल्द रिएक्ट करती हैं और केमिकल रिएक्शन से खतरा पैदा होता है.
एल्युमीनियम फॉयल के साथ खाना गर्म करने से इसके तत्व खाने में मिल जाते हैं. इनसे अल्जाइमर और डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है. एल्यूमीनियम के अधिक प्रयोग से अल्जाइमर रोग की खतरा बढ़ जाता है. एल्युमीनियम मस्तिष्क की समस्या भी बढ़ सकता है.
एल्युमीनियम आपके सांस की समस्या बढ़ा सकती है. इसके धुएं के संपर्क में आने से अस्थमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों के कैंसर जैसी श्वसन की बीमारियां हो सकती हैं. एल्युमीनियम के धुएं से नाक, गले और फेफड़ों में जलन हो सकती है.
एल्युमीनियम किडनी के कार्य को प्रभावित करता है. इससे किडनी की कई बीमारियां हो सकती हैं. एल्युमीनियम के उच्च स्तर के लंबे समय तक संपर्क से ज्यादा नुकसान है. किडनी की कार्यक्षमता खराब होती है.
एल्युमीनियम के संपर्क में आने से हड्डियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है. इस कारण ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोमलेशिया जैसी हड्डी की बीमारियां का सामना करना पड़ सकता है. एल्युमीनियम हड्डी के ऊतकों में जमा होकर मजबूती को कम करता है.
एल्युमीनियम एनीमिया का कारण बन सकता है. इससे लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी आती है. शरीर में एल्युमीनियम की मात्रा बढ़ जाने से खून में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो जाती है. इससे थकान, कमजोरी और सांस लेने की समस्या बढ़ सकती है.
एल्युमीनियम पाचन को प्रभावित करता है. इससे आपको मतली, उल्टी और दस्त की समस्याएं हो सकती हैं. पेट और आंतों जलन पैदा के साथ सूजन हो सकती है. कुपोषण और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं एल्युमीनियम फॉयल से पैदा हो सकती है.
ध्यान दें..! एल्युमीनियम फॉयल (aluminum foil) का सेहत पर असर को लेकर यहां दी गई जानकारी सामान्य प्रचलित मान्यताओं और मीडिया रिपोर्ट पर आधारित हैं. हालांकि, इसे जांचने की हर संभव कोशिश की गई है. इससे बाद भी Zee MPCG इसकी पुष्टि नहीं करता है. आपको पुख्ता जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लेने चाहिए.
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