इस याचिका में नोटिफिकेशन जारी करने के कलेक्टर के अधिकार को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि धारा 405 के तहत नोटिफिकेशन कलेक्टर नहीं बल्कि राज्यपाल की तरफ से जारी होना चाहिए था.
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भोपाल: भोपाल नगर निगम (Bhopal Municipal Corporation) को दो हिस्सों में बांटने का मामला अब हाईकोर्ट (High court) पहुंच गया है. संस्था वॉइस ऑफ भोपाल के सचिव और बीजेपी नेता विकास बोंद्रिया की याचिका पर गुरुवार (31 अक्टूबर) को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस याचिका में नोटिफिकेशन जारी करने के कलेक्टर के अधिकार को चुनौती दी गई है.
याचिका में कहा गया है कि धारा 405 के तहत नोटिफिकेशन कलेक्टर नहीं बल्कि राज्यपाल की तरफ से जारी होना चाहिए था. याचिका पर जवाब देते हुए राज्य शासन ने कोर्ट को बताया कि नोटिफिकेशन में संसोधन किया जा रहा है.
दरअसल, भोपाल नगर निगम के बंटवारे का एक तरफ बीजेपी विरोध कर रही है तो वहीं, कमलनाथ सरकार इसे जल्द लागू करने की तैयारी में है. भोपाल नगर निगम के बंटवारे पर 80 प्रतिशत आपत्ति आई है. बावजूद इसके सरकार नगर निगम का बंटवारा करना चाहती है. इसका अंतिम फैसला राज्यपाल लालजी टंडन को लेना है.
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बीजेपी मेयर और नगर पालिका अध्यक्षों के चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से कराए जाने का भी विरोध कर रही है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस हार की हताशा में ये कदम उठा रही है. आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार ने अध्यादेश के जरिए मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष करने के बजाए पार्षदों के जरिए कराए जाने का रास्ता साफ कर दिया है. मध्य प्रदेश में अब मेयर के चुनाव जनता के बजाए पार्षद करेंगे.