छात्र सतयुग के प्रसंगों से विज्ञान के माध्यम से रू-ब-रू होंगे. राम नाम के पत्थर पानी में कैसे तैरे, कैसे आकाशवाणी होती थी, बाली के पास ऐसी कौन सी विद्या थी जिससे वह हर रोज पृथ्वी के ढाई चक्कर लगाता था, पुष्पक विमान मन की गति से कैसे उड़ता था? इत्यादि प्रश्नों के उत्तर छात्र वैज्ञानिक तरीके से ढूंढने की कोशिश करेंगे.
Trending Photos
उज्जैन: रामचरित मानस में वर्णित प्रसंगों का अपना धार्मिक महत्व है. अब इनसे जुड़ा विज्ञान भी पढ़ाया जाएगा. उज्जैन स्थित विक्रमादित्य यूनिवर्सिटी ने 'रामचरित मानस में विज्ञान और संस्कृति' नाम से पाठ्यक्रम शुरू किया है. इस पाठ्यक्रम के तहत छात्र सतयुग के प्रसंगों से विज्ञान के माध्यम से रू-ब-रू होंगे. राम नाम के पत्थर पानी में कैसे तैरे, कैसे आकाशवाणी होती थी, बाली के पास ऐसी कौन सी विद्या थी जिससे वह हर रोज पृथ्वी के ढाई चक्कर लगाता था, पुष्पक विमान मन की गति से कैसे उड़ता था? इत्यादि प्रश्नों के उत्तर छात्र वैज्ञानिक तरीके से ढूंढने की कोशिश करेंगे.
'ढाई-ढाई साल के CM' की चर्चा के बीच आया सिंहदेव का भाषण, 'पूरी हुई मन्नत तो 101 बकरों की भेंट'
अभी 20 सीटों के साथ हुई है पाठ्यक्रम की शुरुआत
विक्रमादित्य यूनिवर्सिटी में इस पाठ्यक्रम की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार के अयोध्या संस्कृति शोध संस्थान की मदद से की गई है. विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय का कहना है यह देश में अपनी तरह का संभवतः पहला पाठ्यक्रम होगा. अयोध्या के वैदिक विद्वान इस पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए यूनिवर्सिटी में आमंत्रित किए जाएंगे. फिलहाल 20 सीटों के साथ शुरू किए गए इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी 28 दिसंबर तक MP ONILNE के जरिए आवेदन कर सकते हैं. कुलपति ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी रामचरितमानस में निहित ज्ञान, विज्ञान और संस्कृति के पहलुओं का गहन अध्ययन करेंगे.
शिवराज सरकार ने 9 महीने में 17वीं बार लिया कर्ज, जनता की जेब पर पड़ सकता है सीधा असर
रामचरितमानस में विद्यमान हैं सभी विज्ञान: कुलपति
यूनिवर्सिटी के वीसी एके पांडेय ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, औषधीय विज्ञान के अनेक महत्वपूर्ण संदर्भ रामचरितमानस में विद्यमान हैं. अब विद्यार्थी इनका गहन अध्ययन कर सकेंगे. 'श्रीरामचरित मानस में विज्ञान' पाठ्यक्रम के तहत छात्रों को थ्योरी पढ़ाने के साथ प्रैक्टिकल भी करवाए जाएंगे. विद्यार्थियों को रामजन्म भूमि, राम वनगमन पथ पर ले जाया जाएगा. इसके अलावा राम के अयोध्या में रहने, गुरु विश्वामित्र से ज्ञानार्जन करने, राक्षसों के अंत, अहिल्या उद्धार, सीता विवाह स्थल जाकर छात्र मौके से रिपोर्ट भी तैयार करेंगे.
WATCH LIVE TV