मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ सरकार की आर्थिक स्थिति को भी पलीता लगा रखा है. इस ग्लोबल पैनडेमिक के बीच राज्य की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने सरकारी खजाने की स्थिति सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ सरकार की आर्थिक स्थिति को भी पलीता लगा रखा है. इस ग्लोबल पैनडेमिक के बीच राज्य की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने सरकारी खजाने की स्थिति सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है. हाल ही में शिवराज सरकार ने 6.76 फीसदी सालाना ब्याज दर पर 20 साल की अवधि के लिए बाजार से 2000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है. शिवराज ने 23 मार्च को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. बीते 9 महीने में यह 17वां मौका है जब मध्य प्रदेश सरकार ने मार्केट से कर्ज लिया है.
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शिवराज सरकार 9 महीने में ले चुकी है 16,500 करोड़ का कर्ज
आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में मध्य प्रदेश पर बाजार का कुल 2 लाख 11 हजार 89 करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका है. साल 2018 के अंत में यह कर्ज 1 लाख 80 हजार करोड़ था. शिवराज सरकार द्वारा हाल में लिए गए 2000 करोड़ रुपए के कर्ज के बाद मौजूदा वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 16,500 करोड़ रुपए पहुंच चुका है. इसका असर जनता को बढ़े हुए टैक्स के रूप में चुकाना पड़ सकता है. मध्य प्रदेश में इस समय पेट्रोल और डीजल पर देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे ज्यादा टैक्स सरकार की ओर से वसूला जा रहा है.
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कोरोना महामारी में चरमराई मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था
कोरोना संक्रमण की वजह से देश और प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित रही हैं. केंद्र सरकार से पर्याप्त आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई और लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार के टैक्स कलेक्शन में भी भारी कमीं रही. पेट्रोल-डीजल बिके नहीं. शराब की दुकानें बंद रहीं, इसके अलावा जीएसटी कलेक्शन भी काफी बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ. हेल्थ सेक्टर में राज्य सरकार के खर्चे बढ़े और इसके उलट आमदनी घट गई. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अतिरिक्त ऋण लेने की अनुमति मांगी थी, जिसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सशर्त मंजूरी दी थी.
शिवराज सरकार ने 9 महीने में कब-कब कितना कर्ज लिया
01 अप्रैल- 500 करोड़
30 मई- 500 करोड़
06 जून- 500 करोड़
03 जुलाई- 1000 करोड़
08 जुलाई- 1000 करोड़
13 जुलाई- 1000 करोड़
07 अगस्त- 1000 करोड़
05 सितंबर- 1000 करोड़
15 सितंबर- 1000 करोड़
03 अक्टूबर- 1000 करोड़
08 अक्टूबर- 1000 करोड़
15 अक्टूबर- 1000 करोड़
29 अक्टूबर- 1000 करोड़
05 नवंबर- 1000 करोड़
12 नवंबर- 1000 करोड़
18 नवंबर- 1000 करोड़
18 दिसंबर- 2000 करोड़
(आंकड़े 2020 के हैं)
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मार्च तक सिर्फ 2,373 करोड़ का कर्ज ले सकेगी शिवराज सरकार
इधर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के कर्ज लेने की लिमिट तय कर दी है. अब शिवराज सरकार मार्च 2021 तक 2373 करोड़ रुपए तक का कर्ज और ले सकेगी. केन्द्र सरकार ने मध्य प्रदेश को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 34,003 करोड़ के कर्ज लेने की अनुमति दी थी, जिसमें से राज्य सरकार अब तक 31,630 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. वन नेशन वन राशन कार्ड, बिजली सप्लाई में सुधार और प्रॉपर्टी टैक्स की नई गाइड लाइं जारी करने की शर्त पर केंद्र ने सीमा से अधिक कर्ज लेने की मंजूरी शिवराज सरकार को दी है. वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार कर्ज लेने के बाद उसका नोटिफिकेशन करे और उसकी प्रति भेजे.
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