थायरॉइड की समस्याओं के लिए प्राकृतिक निवारण

थायरॉइड हमारे शरीर में एक ऐसी ग्रंथि होती है, जो शरीर के लगभग सारे रासायनिक प्रक्रियाओं (मेटाबोलिज्म) को प्रभावित करती है। भले ही यह ग्रंथि आकार में छोटी होती है, लेकिन इसका प्रभाव शरीर के सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण अंगों को – जैसे दिल, दिमाग, लिवर, किडनी और त्वचा के ऊपर होता है। यह ग्रंथि मुख्यतः २ हॉर्मोन्स बनाती है – ट्राईआयोडोथायरोनाइन (T3) और थायरोक्सिन (T4) – जो पूरे शरीर में ब्लड प्रेशर, शरीर का तापमान, ह्रदय गति और मेटाबोलिज्म को विनियमित करते हैं। इसलिए शरीर के सारे प्रक्रियाओं को अनुकूल स्तर पे काम करते रहने के लिए थायरॉइड ग्रंथि का तंदुरुस्त होना अनिवार्य है।

Written by Web Desk Team | Published :September 20, 2022 , 6:44 am IST

थायरॉइड हमारे शरीर में एक ऐसी ग्रंथि होती है, जो शरीर के लगभग सारे रासायनिक प्रक्रियाओं (मेटाबोलिज्म) को प्रभावित करती है। भले ही यह ग्रंथि आकार में छोटी होती है, लेकिन इसका प्रभाव शरीर के सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण अंगों को – जैसे दिल, दिमाग, लिवर, किडनी और त्वचा के ऊपर होता है। यह ग्रंथि मुख्यतः २ हॉर्मोन्स बनाती है – ट्राईआयोडोथायरोनाइन (T3) और थायरोक्सिन (T4) – जो पूरे शरीर में ब्लड प्रेशर, शरीर का तापमान, ह्रदय गति और मेटाबोलिज्म को विनियमित करते हैं। इसलिए शरीर के सारे प्रक्रियाओं को अनुकूल स्तर पे काम करते रहने के लिए थायरॉइड ग्रंथि का तंदुरुस्त होना अनिवार्य है।