बड़वानी: पुलिया निर्माण को लेकर ग्रामीणों का जल सत्याग्रह, पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार
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बड़वानी: पुलिया निर्माण को लेकर ग्रामीणों का जल सत्याग्रह, पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार

जल सत्याग्रह में मड़गांव, बड़गांव, मंदिल, नकटीरानी, पिसनावल और झोपाली के लोग शामिल हुए. लोगों ने बताया कि पूर्व CM ने तीन साल पहले घोषणा भी की थी, लेकिन अभी तक पुलिया निर्माण नहीं हो पाया है.

 

लोगों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने तीन साल पहले घोषणा भी की थी लेकिन अभी तक पुलिया निर्माण नहीं हो पाया है.

बड़वानी: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बड़वानी सेंधवा में नकटीरानी मार्ग पर पुलिया के निर्माण को लेकर स्थानीय लोग कई सालों से प्रशासन से मांग कर रहे हैं. कई बार पुलिया निर्माण को लेकर गांव के लोग आंदोलन भी कर चुके हैं. बुधवार को ग्रामीण एक बार फिर प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचाने की मुहिम के तहत जल सत्याग्रह करने गोई नदी पहुंचे.

ग्रामीणों के जल सत्याग्रह की जानकारी लगते ही तहसीलदार एसआर यादव और ग्रामीण टीआई वीडीएस परिहार मौके पर पहुंचे. और जल सत्याग्रह नहीं करने की समझाइश दी. लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए.

ग्रामीण नदी किनारे सत्याग्रह करने पर अड़े रहे. जिसके बाद काफी देर तक गांव वालों और अधिकारियों के बीच बहस भी हुई. इसके बाद तहसीलदार ने सत्याग्रह कर रहे लोगों से अनुमति के सम्बन्ध में जानकारी ली. पूछताछ में सामने आया कि जल सत्याग्रह को लेकर प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गई थी.

जल सत्याग्रह कर रहे 4 ग्रामीण गिरफ्तार
जल सत्याग्रह कर रहे लोगों के ना हटने पर तहसीलदार ने ग्रामीण थाना प्रभारी को जिले में लगी धारा 144 का हवाला देते हुए लोगों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए. पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

सेंधवा आने के लिए लगाना पड़ता है 15 किमी का चक्कर
दरअसल, पिछले कई सालों से आसपास के लोग पुलिया निर्माण को लेकर मांग कर रहे हैं. आज हुए जल सत्याग्रह में मड़गांव, बड़गांव, मंदिल, नकटीरानी, पिसनावल और झोपाली के लोग शामिल हुए. दरअसल, बड़गांव नकटीरानी के पास गोई नदी और बेराज बनने के कारण ग्रामीणों को सेंधवा आने के लिए 15 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है. जबकि सेंधवा से नकटीरानी होते हुए पिसनावल व झोपाली जाने का रास्ता पास है. नकटीरानी के पास गोई नदी पर कोई पुलिया नहीं है. बैराज होने की वजह से आवागमन भी प्रभावित रहता है. मजबूरी के चलते ग्रामीण जुगाड़ की नाव बनाकर नदी पार कर आवाजाही करते हैं.

लोगों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने तीन साल पहले घोषणा भी की थी लेकिन अभी तक पुलिया निर्माण नहीं हो पाया है.

संपादन: दिव्यांश शर्मा

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