एक जीत के लिए 60 साल से चुनाव लड़ रहा ये परिवार, हर बार जमानत हो जाती है जब्त
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एक जीत के लिए 60 साल से चुनाव लड़ रहा ये परिवार, हर बार जमानत हो जाती है जब्त

लोकतंत्र का महापर्व अर्थात चुनाव यदि किसी का पीढ़ी दर पीढ़ी शौक बन जाए तो आप इस अजीब शौक को क्या कहेंगे? 

.(फाइल फोटो)

इंदौर: लोकतंत्र का महापर्व अर्थात चुनाव यदि किसी का पीढ़ी दर पीढ़ी शौक बन जाए तो आप इस अजीब शौक को क्या कहेंगे? इंदौर के तोलानी परिवार का छह दशक पुराना यह शौक हर बार चुनाव में जमानत जब्त होने के बावजूद दो पीढ़ियों से जारी है. इस परिवार के मौजूदा प्रमुख परमानंद तोलानी (59) ने इंदौर लोकसभा क्षेत्र के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जिला निर्वाचन कार्यालय में सोमवार को पर्चा दखिल किया. इस क्षेत्र में 19 मई को मतदान होना है. पेशे से रीयल एस्टेट कारोबारी तोलानी ने बताया, "यह मेरे जीवन का 18वां चुनाव है.

मेरे पिता मेठाराम तोलानी ने अपने जीवनकाल में 30 साल तक लगातार अलग-अलग चुनाव लड़े थे. वर्ष 1988 में उनके निधन के बाद 1989 से मैंने चुनाव लड़ना शुरू कर दिया था." दिलचस्प है कि इंदौर सीट का लगातार आठ बार प्रतिनिधित्व कर चुकीं लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (76) ने अपने राजनीतिक करियर का पहला संसदीय चुनाव वर्ष 1989 में ही लड़ा था.

इस बार "ताई" (मराठी में बड़ी बहन का सम्बोधन) ने अपनी पार्टी भाजपा की अलिखित रीति का पालन करते हुए स्वयं को चुनावी दौड़ से अलग रखने की घोषणा पहले ही कर दी थी. तोलानी ने मजाकिया लहजे में कहा, "ताई और मैंने लोकसभा चुनाव लड़ने की शुरूआत एक साथ की थी.

अब चूंकि वह चुनावी मैदान में नहीं हैं. इसलिये मेरे मन में जीत की उम्मीद बढ़ गयी है." उन्होंने कहा, "लगातार 17 बार चुनाव हारने के बावजूद मैं निराश नहीं हूं. मैं तब तक चुनाव लड़ता रहूंगा, जब तक मैं जीत नहीं जाता. मेरे बाद मेरे वंशज भी चुनाव लड़ने की हमारी खानदानी परंपरा को आगे बढ़ायेंगे."

तोलानी ने बताया कि वह एक बार अपनी पत्नी लक्ष्मी तोलानी को भी स्थानीय निकाय के चुनाव में उतार चुके हैं, क्योंकि तब महापौर का पद महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दिया गया था. 

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