Chhath Puja Prasad: छठ पूजा के पावन पर्व की शुरुआत कल यानि 17 नवंबर से हो रही है.यह पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है.
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Chhath Puja 2023: छठ पूजा के पावन पर्व की शुरुआत कल यानि 17 नवंबर से हो रही है.यह पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. छठ पूजा के प्रसाद में मौसमी फल चढ़ाए जाते हैं. इन्हें बहुत शुभ माना जाता है.छठ पूजा में प्रसाद और अलग-अलग फलों को चढ़ाने की मान्यता है. आइए जानते हैं छठ पूजा के दौरान किन प्रसादों को चढ़ाना शुभ माना जाता है.
छठ पूजा में ये 8 प्रसाद चढ़ाना होता है शुभ
ठेकुआ: ठेकुआ छठ पूजा का सबसे खास प्रसाद होता है.इसे गुड़ और आटे के साथ बनाया जाता है.छठ की पूजा ठेकुआ के बिना अधूरी मानी जाती है.
केला: छठ पूजा में केले का भी विशेष महत्व है.केला शुद्ध फल माना जाता है. कहते है कि भगवान विष्णु को केला बहुत प्रिय है, इसलिए छठी मईया को प्रसन्न करने के लिए लोग कच्चा केला भी चढ़ाते हैं.
डाभ नींबू: डाभ नींबू आम नींबू से बड़ा होता है. इसका स्वाद खट्टा–मीठा होता है. छठ पूजा के महापर्व में छठी मईया को डाभ नींबू भी चढ़ाना चाहिए.
नारियल: नारियल के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है. छठी मईया को नारियल भी चढ़ानी चाहिए.नारियल चढ़ाने से घर में लक्ष्मी आती है.
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गन्ना: छठ पूजा में गन्ने का भी महत्व है.कहते है कि छठी मईया को गन्ना बहुत प्रिय है. इसे चढ़ाने से छठी मईया घर में सुख–समृद्धि लाती है.
सुथनी: छठी मईया को सुथनी भी बुहत प्रिय है. यह फल शकरकंदी की तरह होता है.इसमें कई औषधीय गुण होते हैं. इस फल को शुद्ध माना गया है, इसलिए इसका इस्तामाल छठ पूजा में किया जाता है.
सुपारी: छठी मईया को सुपारी अर्पित करने का भी खास महत्व है. हिंदू धर्म में सुपारी के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है. कहते है कि सुपारी चढ़ाने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
सिंघाड़ा: सिंघाड़े को भी शुद्ध माना गया है. छठ पूजा में सिंघाड़ा चढ़ाना भी शुभ माना गया है. यह लक्ष्मी का प्रिय फल माना जाता है.