Evening Worship Rules: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को विशेष महत्व दिया गया है. हिंदू धर्म में भगवान की दो बार पूजा करने का नियम है. लेकिन सुबह और शाम की पूजा के नियम अलग-अलग हैं. आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ.रुचिका अरोड़ा से जानते हैं कि शाम के समय कैसे पूजा करें.
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Puja Ke Niyam In Hindi: सनातन धर्म में पूजा-पाठ के बिना दिन की शुरुआत की कल्पना भी नहीं की जा सकती. हिंदू धर्म को मानने वाले लोग सुबह और शाम पूजा-पाठ के दौरान इससे जुड़े नियमों का भी पालन करते हैं. वे हर दिन सुबह और शाम दोनों समय धूप, दीप जलाकर और आरती करके भगवान की पूजा करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से न सिर्फ मन को शांति मिलती है, बल्कि देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं. हालांकि सुबह और शाम की पूजा के कुछ जरूरी नियम भी हैं तो आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ.रुचिका अरोड़ा से जानते हैं कि शाम के समय किस तरह से पूजा करनी चाहिए.
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शाम को कैसे करें पूजा?
शाम को पूजा करते समय दीपक जरूर जलाएं. शाम की पूजा के दौरान दीपक जलाना अनिवार्य है. ऐसा करने से घर में देवी लक्ष्मी का वास सुनिश्चित होता है और पूजा की रस्म पूरी होती है. दीपक जलाने से न केवल धार्मिक आशीर्वाद मिलता है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा भी फैलती है, जिस घर में दीपक जलाया जाता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है.
आरती के वक्त घंटी जरूर बजाएं
शाम के समय पूजा करते समय आरती के समय घंटी बजाना एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. घंटी की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाती है और सकारात्मकता का माहौल बनाती है. पूरे घर में घंटी बजाते हुए आरती करने से घर में सुख-शांति आती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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फूल नहीं तोड़ने चाहिए
इसके अलावा जब भी आप शाम के समय पूजा करें तो उस समय फूल तोड़ने से बचना चाहिए. अगर आप भगवान को फूल चढ़ाना चाहते हैं तो सूर्यास्त से पहले ही तोड़ लें. ऐसा माना जाता है कि शाम के समय पेड़-पौधों को छूना या उनसे कुछ लेना अशुभ होता है. इसलिए शाम की पूजा के लिए पहले ही फूल तोड़ लेने चाहिए.
शाम के समय सूर्यदेव की पूजा न करें
शास्त्रों के अनुसार सूर्यदेव की पूजा सुबह जल्दी करनी चाहिए. सूर्यास्त के बाद पूजा नहीं करनी चाहिए. इसे अशुभ माना जाता है. इसके अलावा शाम की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए और सूर्यास्त के बाद तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए.