Ram Mandir Pran Pratishtha: खंडवा जिले (Khandwa News) में स्थित ओंकारेश्वर महादेव को अयोध्या में होने वाले भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भेजा गया है. महादेव के दरबार से ये चीजें राम लला के दरबार में जाएंगी.
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MP News: देश भर में अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम मंदिर का निमंत्रण भेजा जा रहा है. इसके लिए ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव (Omkareshwar Mahadev) को भी प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया गया है. बता दें कि ओंकारेश्वर से पवित्र नर्मदा नदी का जल, अंग वस्त्र और प्रसादी अयोध्या जाएगी. ये जिम्मेदारी ओंकारेश्वर के महामंडलेश्वर विवेकानंद पुरी को दी गई है. विवेकानंद पुरी गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath)के प्रतिनिधि हैं, वही ये पवित्र जल लेकर अयोध्या पहुंचेंगे. उनके अलावा एक और संत को अयोध्या से बुलावा आया है.
महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद पुरी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आध्यात्मिक प्रतिनिधि भी हैं. उन्हें यहां से नर्मदा का पवित्र जल, ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर की प्रसादी और अंगवस्त्र ले जाने की जिम्मेदारी मिली है. निमंत्रण के बाद विवेकानंद पुरी ने बताया कि यूपी के सीएम और गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ खुद भगवान ओंकारेश्वर को राम लला के प्रतिष्ठा समारोह में पधारने का मानसिक आमंत्रण पहले ही दे चुके हैं. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना भगवान राम के पूर्वज राजा मांधाता की तपस्या के बाद ओमकार पर्वत में हुई थी, इसलिए भगवान राम का सीधा संबंध ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव से भी है. इसलिए मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव को भी आध्यात्मिक रूप से आमंत्रित किया गया है.
इन्हें भी मिला निमंत्रण
ओंकारेश्वर के महंत मंगलदास महाराज को भी अयोध्या के राम मंदिर का निमंत्रण मिला है. निमंत्रण मिलने को लेकर मंगलदास महाराज ने कहा कि आज उनका जीवन धन्य हो गया है, साथ ही साथ कहा कि मैं भाग्यशाली हूं और मेरा मन बहुत प्रफुल्लित है कि मैं साक्षात भगवान राम लला के दर्शन कर पाऊंगा. बता दें कि राम लला का ओंकारेश्वर से सीधा जुड़ाव है, क्योंकि पुराणों में उल्लेख है कि रघुकुल के राजा मांधाता ने यहां नर्मदा किनारे इस पर्वत पर घोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और शिवजी के प्रकट होने पर उनसे यहीं निवास करने का वरदान मांग लिया. तभी से प्रसिद्ध तीर्थ नगरी ओंकार-मान्धाता के रूप में पुकारी जाने लगी.