Bhind Lok Sabha seat: भिंड लोकसभा सीट पर 1984 में सिंधिया राजवंश की वसुंधरा राजे ने चुनाव लड़ा था. जहां वह कांग्रेस के कृष्ण सिंह जूदेव से चुनाव हार गईं थीं.
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Bhind Lok Sabha seat: मध्य प्रदेश की भिंड लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ है. यहां पिछले 35 साल से बीजेपी का कब्जा है. आगामी चुनाव के लिए बीजेपी ने मौजूदा सांसद संध्या राय को ही मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस ने भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया को, अपना उम्मीदवार बनाया है. वर्तमान में 2009 से यह सीट अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आरक्षित है. इससे पहले ये जनरल थी. इस सीट की बात करें तो यहां से राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी सांसद रह चुकी हैं. 1971 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी, तो चलिए आपको सिंधिया परिवार से ही जुड़ा इस सीट का एक दिलचस्प किस्सा बताते हैं. जब भिंड में सिंधिया परिवार की राजकुमारी की हुई थी हार.
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Siyasi Flashback: जब भिंड में हुई थी राजकुमारी की हार, बाद में बनीं मुख्यमंत्री
वसुंधरा के सामने थे कृष्ण सिंह जूदेव
साल 1984 का था और तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की दुखद हत्या के बाद देश में चुनाव हो रहे थे. जाहिर सी बात थी कि लोगों की सहानुभूति कांग्रेस के साथ थी. 1984 में राजनीति के मैदान में पहली बार सिंधिया राजवंश की राजकुमारी वसुंधरा राजे उतरीं. जहां वसुंधरा के सामने कांग्रेस के कृष्ण सिंह जूदेव थे. कृष्ण सिंह जूदेव की बात करें तो उन्हें पहली बार राजनीति में लाने वाले वसुंधरा के भाई माधवराव सिंधिया ही थे.
कृष्ण सिंह जूदेव कई बार हुए भावुक
इस चुनाव का दिलचस्प किस्सा यह भी है कि चुनाव प्रचार के दौरान कृष्ण सिंह जूदेव कई बार भावुक हुए. कहा तो यहां तक जाता है कि वह मतदाताओं के सामने भावुक होकर रो भी पड़े. जिसके बाद उनके पक्ष में माहौल बना और देश में इंदिरा गांधी की मौत के चलते कांग्रेस के लिए सहानुभूति तो थी ही. जिसके बाद चुनाव में राजकुमारी वसुंधरा राजे की हार हुई. चुनाव में कृष्ण सिंह जूदेव ने वसुंधरा राजे को 87,403 वोटों से हराया था. बता दें कि इस हार के बाद वसुंधरा ने MP की राजनीति से तौबा कर लिया और राजस्थान में राजनीति की. जहां वे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनीं.
चुनाव का रिजल्ट
उम्मीदवार | वोट |
---|---|
कृष्ण सिंह जूदेव (कांग्रेस) | 194160 |
वसुन्धरा राजे (भाजपा) | 106757 |