कौन हैं BJP के बंटी साहू, छिंदवाड़ा में 'नाथ' परिवार के खिलाफ तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2156069

कौन हैं BJP के बंटी साहू, छिंदवाड़ा में 'नाथ' परिवार के खिलाफ तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे

Vivek Bunty Sahu: छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर चौंकाते हुए विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है, पहले माना जा रहा था कि भाजपा यहां किसी बड़े चेहरे को चुनाव लड़ा सकती है. 

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट

Chhindwara Lok Sabha Seat: छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ के खिलाफ विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है. बंटी साहू छिंदवाड़ा जिले में बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं जो तीसरी बार 'नाथ' परिवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. पिछले दो चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, ऐसे में तीसरी बार टिकट दिए जाने पर उनकी चर्चा सियासी गलियारों में जमकर हो रही है. क्योंकि माना जा रहा था कि कमलनाथ के गढ़ को भेदने के लिए पार्टी किसी दिग्गज चेहरे को चुनाव लड़ा सकती है, लेकिन पार्टी ने स्थानीय नेता बंटी साहू पर दांव लगाया, जिसके पीछे बीजेपी ने कई समीकरणों को साधा है. 

'नाथ' परिवार के खिलाफ लड़ेंगे तीसरा चुनाव

विवेक बंटी साहू कमलनाथ परिवार के खिलाफ के खिलाफ तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे. सबसे पहले वह 2019 में कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़े थे. तब बतौर मुख्यमंत्री कमनलाथ ने छिंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ा था, उस चुनाव में बंटी साहू को 25837 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था, इसके बाद 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर कमलनाथ के खिलाफ बंटी साहू को उतारा था, इस चुनाव में भी बंटी साहू को 36594 वोट से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि कमलनाथ के कद के आगे बंटी साहू की यह हार वास्तव में उतनी बड़ी नहीं थी जितनी दिखती है. क्योंकि कमलनाथ का कद मध्य प्रदेश समेत देश की राजनीति में बहुत बड़ा है. यही वजह है कि लगातार दो चुनाव हारने के बाद भी बीजेपी ने नाथ परिवार के खिलाफ बंटी साहू को तीसरी बार चुनाव लड़ने का मौका दिया है. 

छिंदवाड़ा में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं बंटी साहू 

विवेक बंटी साहू छिंदवाड़ा जिले में बीजेपी का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. वह 7 साल तक बीजेपी के युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे हैं, इसके अलावा तीन बार से जिले में पार्टी जिला अध्यक्ष की कमान संभाल रहे हैं. बंटी साहू की छिंदवाड़ा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पकड़ अच्छी मानी जाती है, वह लगातार जनता के बीच सक्रिय रहने वाले नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाते जा रहे हैं. छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, लेकिन बंटी साहू ने जिले में पार्टी के संगठन को मजबूत बनाकर रखा है, यही वजह है कि बीजेपी उन्हें लगातार मौका दे रही है. 

बंटी साहू के जरिए BJP का संदेश 

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बंटी साहू के जरिए बीजेपी छिंदवाड़ा के साथ-साथ प्रदेश के कार्यकर्ताओं को भी यह संदेश देना चाहती है कि जो कार्यकर्ता विपक्ष के सामने पूरी ताकत से खड़ा रहेगा, पार्टी उसके साथ खड़ी रहेगी और उसे पूरा मौका मिलेगा. यही वजह है कि बीजेपी ने किसी बड़े चेहरे को चुनाव न लड़ाते हुए स्थानीय नेता को नाथ परिवार के खिलाफ चुनाव में उतार दिया है. जिससे बीजेपी के कार्यकर्ता भी उत्साहित हो सकते हैं. इसके अलावा छिंदवाड़ा में पिछले कुछ समय में कांग्रेस के कई नेता, पार्षद और पूर्व विधायक बीजेपी का दामन थाम चुके हैं, करीब 100 से ज्यादा पदाधिकारी बीजेपी में शामिल हुए हैं. इस काम में बंटी साहू ने पूरी ताकत लगाई है, इसलिए पार्टी उन्हें ही आगे करने में जुटी है. 

BJP लगाएगी पूरी ताकत 

दरअसल, माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी भले ही बंटी साहू होंगे, लेकिन बीजेपी के सभी बड़े नेता यहां दम लगाते हुए नजर आएंगे. यानि चुनाव पूरी पार्टी ही मिलकर लड़ेगी. बंटी साहू बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के भी करीबी माने जाते हैं, ऐसे में यहां पूरा संगठन एक्टिव रहेगा. इसके अलावा बीजेपी के दिग्गज नेता और मंत्री कैलाश विजवयर्गीय इस बार छिंदवाड़ा सीट के प्रभारी हैं, जो अपने राजनीतिक मैनेजमेंट में माहिर माने जाते हैं, ऐसे में उनका रोल भी इस बार अहम हो सकता है, यही वजह है कि बीजेपी इस बार छिंदवाड़ा में जीत को लेकर पूरा दम लगाती नजर आएगी. 

दिलचस्प होगा छिंदवाड़ा का मुकाबला 

बीजेपी ने बंटी साहू को चुनाव मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेला है. खास बात यह है कि कमलनाथ भी यह बात मानते हैं कि बंटी साहू को हल्के में नहीं लिया जा सकता. क्योंकि पिछले दो चुनावों में बंटी साहू ने उन्हें अच्छी टक्कर दी है. ऐसे में कमलनाथ के खुद नकुलनाथ के प्रचार की जिम्मेदारी संभालते हुए नजर आ सकते हैं. क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को अच्छी टक्कर दी थी. नकुलनाथ केवल 37 हजार वोटों से चुनाव जीत पाए थे, जो लोकसभा में बड़ा अंतर नहीं माना जाता. यही वजह है कि इस बार छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो सकता है. 

ये भी पढ़ेंः MP में विधानसभा चुनाव हारने वाले तीन नेताओं को BJP ने फिर दिया मौका, इन सीटों से लड़ेंगे चुनाव

Kantilal Bhuria

Social Media Score

Scores
Over All Score 3
Digital Listening Score4
Facebook Score7
Instagram Score0
X Score2
YouTube Score0

TAGS

Trending news