Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव से पहले JCCJ और BJP का विलय की चर्चा जोर पकड़े रही है. आइये जानें अमित जोगी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात के मायने.
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Chhattisgarh Politics: रायपुर/नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव के पहले सियासी पारी चढ़ा हुआ है. छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की इससे अब ये चर्चा शुरू हो गई है कि क्या JCCJ का BJP में विलय होगा. आखिर छत्तीसगढ़ में साल 2024 के आम चुनाव के पहले क्या होने वाला है? आइये जानें गृहमंत्री अमित शाह और JCCJ नेता अमित जोगी की मुलाकात के क्या मायने हैं.
अमित शाह और अमित जोगी की मुलाकात
बता दें दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ जोगी कांग्रेस के नेता अमित जोगी की मुलाकात हुई थी. इस संबंध में अमित जोगी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी थी. इस में उन्होंने अपने और गृहमंत्री अमित शाह की फोटो शेयर करते हुए लिखा था 'कल नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी से शिष्टाचार भेंट हुई'. बता दें ये मीटिंग 8 जनवरी को हुई थी, जिसे लेकर पोस्ट अमित जोगी ने 9 जनवरी को की थी.
विलय की चर्चा तेज
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे (JCCJ) अध्यक्ष अमित जोगी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात बाद विलय की चर्चा भी तेज हो गई है. सियासी गलियारों में कहा जा रहा है कि कार्यकर्ता अपने भविष्य के कारण विलय चाहते हैं और इस संबंध में उन्होंने अमित जोगी से कहा भी है. जोगी परिवार पर ये दबाव 2023 के विधानसभा चुनाव में खराब परफॉर्मेंस के बाद और बढ़ गया है. ऐसे में इस मुलाकात ने प्रदेश में नई चर्चा को जन्म दे दिया है.
समीक्षा में हुई थी बात
सूत्रों की मानें तो 24 दिसम्बर को पार्टी की समीक्षा बैठक हुई थी. इसमें सभी प्रत्याशी, पदाधिकारी शामिल हुए थे. जहां, 2024 लोकसभा चुनाव, नगरी निकाय और पंचायत चुनावों की रणनीति पर बात हुई थी. सूत्रों की माने तो मर्जर को लेकर सभी व्यक्तिगत तैयार पर सुझाव मांगा गया था. इसमें बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता भाजपा में विलय पर सहमति जताई थी.
विधानसभा चुनाव में जीरो
2023 विधानसभा में JCCJ एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई. अमित जोगी ने भूपेश बघेल के खिलाफ चुनाव लड़ सिर्फ 4822 वोट पा सके. हालांकि, 2018 विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस ने बसपा के साथ गठबंधन कर 5 सीटें हालिस की थी. ऐसे में अब 2024 के मद्देनजर कार्यकर्ता अपने भविष्य को लेकर चिंता में हैं.