Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के लिए 29 सीटों वाले मध्य प्रदेश में भाजपा ने 29 और कांग्रेस ने 10 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी, सिर्फ इकलौती छिंदवाड़ा सीट ही कांग्रेस के खाते में गई थी.
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Madhya Pradesh News: देश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए औपचारिक ऐलान किसी भी दिन हो सकता है, लेकिन इससे पहले राजनीतिक दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान करना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दो लिस्टों में 267 सीटों पर उम्मीदवारों को उतार दिए हैं. मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान हो चुका है. दूसरी ओर कांग्रेस ने भी 2 लिस्टों 82 कैंडिडेट्स को उतार दिया है, जिसमें 10 उम्मीदवार मध्यप्रदेश के भी हैं.
विधानसभा चुनाव की तरह मध्य प्रदेश में लोकसभा का मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है. भाजपा ने अपने कई दिग्गजों ने मैदान में उतार दिया है तो वहीं कांग्रेस ने दिग्गजों को मात देने के लिए नए-नए चेहरों पर दांव लगा रही है. हालांकि, यहां हम एमपी की उन 5 सीटों की बात कर रहे हैं, जो काफी चर्चित हो गई हैं.
1. गुना लोकसभा सीट
मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीटों में से एक गुना से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर से मैदान में हैं. पिछले लोकसभा चुनाव रिजल्ट के वक्त गुना सीट सबसे ज्यादा चर्चा में रही थी, क्योंकि यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा था. गुना सीट से सिंधिया लगातार 2002 से जीत रहे थे. सिंधिया उस वक्त कांग्रेस में थे, लेकिन चुनाव में मिली हार और कांग्रेस से मनभेद के चलते वे 2020 में भाजपा में शामिल हो गए. अब भाजपा ने मौजूदा सांसद और सिंधिया को हारने वाले केपी सिंह का टिकट काट दिया है और ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारा है. फिलहाल कांग्रेस ने गुना सीट के लिए अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है.
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2. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट
छिंदवाड़ा भी प्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीटों में से एक है. यहां 1997 को छोड़ दिया जाए तो 1980 से नाथ परिवार लगातार चुनाव जीतता आ रहा है. छिंदवाड़ा को कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ का गढ़ माना जाता है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2019 लोकसभा चुनाव में जब भाजपा मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर जीत गई तो छिंदवाड़ा ही इकौलती ऐसी सीट बची थी जो कांग्रेस के पास थी. इस बार भाजपा की नजर छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर है. मुख्यमंत्री मोहन यादव लगातार छिंदवाड़ा के दौरे कर रहे हैं. भाजपा ने विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है. बंटी साहू कमलनाथ के खिलाफ 2 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा. दूसरी ओर कांग्रेस ने एक बार फिर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ पर ही भरोसा जताया है.
3. खजुराहो लोकसभा सीट
बुंदेलखंड रीजन की खजुराहो भी ऐसी लोकसभा सीट है, जिस पर सभी की नजरें टिकी रहती हैं. यहां से जीतने वाले सांसदों ने देश-प्रदेश की राजनीति में अलग ही मुकाम बनाया है. दिलचस्प बात यह है कि खजुराहो लोकसभा सीट से ज्यादातर वक्त बाहरी प्रत्याशी चुनाव जीतकर संसद पहुंचते रहे हैं. यही वजह है कि खजुराहो सीट पर सभी नजरें रहती हैं. वर्तमान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा यहां से सांसद हैं और भाजपा ने उन्हें एक बार फिर से उन्हें मैदान में उतारा है. हालांकि, गठबंधन के तहत खाते में आई सीट पर समाजवादी पार्टी ने अब तक कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है.
4. इंदौर लोकसभा सीट
मिनी मुंबई नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट पर लंबे सस्पेंस के बाद भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. भाजपा ने यहां बिना किसी बदलाव के मौजूदा सांसद शंकर लालवानी को फिर से मौका दिया है. चर्चाएं थीं कि इस बार लालवानी का टिकट कट सकता है. पिछले लोकसभा चुनाव में शंकर लालवानी ने इंदौर सीट पर बड़ी जीत हासिल की थी. इधर, कांग्रेस ने इंदौर के लिए अब तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है.
5. उज्जैन लोकसभा सीट
डॉ मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही उज्जैन मध्य प्रदेश की सियासत का पावर सेंटर बन गया है, क्योंकि सीएम उज्जैन से ही आते हैं. वैसे तो यह सीट 2014 से भाजपा के पास है, लेकिन भाजपा ने हर बार यहां से उम्मीदवार बदला था. माना जा रहा था कि पार्टी इस बार भी चेहरा बदल सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भाजपा ने फिर से अनिल फिरोजिया पर भरोसा जताया है. इधर, कांग्रेस ने सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. सीएम का गृह जिला होने की वजह से सभी की नजरें सीट पर बनी हुई हैं.