वायरल वीडियो मामले में IPS वी मधुकुमार को लोकायुक्त ने दी क्लीन चिट, अमेरिका से रची गई थी साजिश
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वायरल वीडियो मामले में IPS वी मधुकुमार को लोकायुक्त ने दी क्लीन चिट, अमेरिका से रची गई थी साजिश

आपको बता दें की वायरल वीडियो में आईपीएस वी मधुकुमार कुछ पुलिस वालों से लिफाफे लेकर अपने ब्रीफकेस में रखते दिखाई दे रहे थे. तब वह आईजी उज्जैन पद पर थे. इस वीडियो के आधार पर वी मधुकुमार पर आरोप लगे कि वह अपने जूनियर अफसरों से महीना ले रहे हैं.

आईपीएस वी मधुकुमार.

भोपालः मध्य प्रदेश लोकायुक्त (Madhya Pradesh Lokayukt) ने अपनी जांच में आईपीएस वी मधुकुमार (IPS V Madhu Kumar) को क्लीन चिट दे दी है. 20 जुलाई 2020 को तत्कालीन परिवहन आयुक्त वी मधुकुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. इसका संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने उन्हें परिवहन आयुक्त पद से हटा दिया था.

लोकायुक्त की जांच में वीडियो वायरल करने वाले व्यक्ति का पता नहीं लगा. वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद से ही उस व्यक्ति का मोबाइल नंबर बंद है, जिसने इसे वायरल किया था. करीब 4 महीने की जांच के बाद लोकायुक्त ने इस मामले में आईपीएस मधु कुमार को क्लीन चिट दे दी है.

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आपको बता दें की वायरल वीडियो में आईपीएस वी मधुकुमार कुछ पुलिस वालों से लिफाफे लेकर अपने ब्रीफकेस में रखते दिखाई दे रहे थे. तब वह आईजी उज्जैन पद पर थे. इस वीडियो के आधार पर वी मधुकुमार पर आरोप लगे कि वह अपने जूनियर अफसरों से महीना ले रहे हैं. लोकायुक्त जांच में पाया गया कि यह साजिश अमेरिका में बैठकर रची गई थी. 

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यह वीडियो 19 जुलाई 2020 को मोबाइल नंबर +1(408)646-6417 से वायरल किया गया था, जो अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया में रजिस्टर्ड है. सोशल मीडिया में वीडियो आने के बाद से ही यह मोबाइल नंबर ऑफ है. लोकायुक्त ने अपनी जांच में यह माना कि वीडियो वायरल करने वाला व्यक्ति खुद आईपीएस पर लगाए जा रहे आरोपों को साबित करने का इच्छुक नहीं है, क्योंकि वह सामने नहीं आ रहा. ऐसे में इस वीडियो की प्रामाणिकता  शक के घेरे में है. 

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इसके अलावा वीडियो में जो अफसर वी मधुकुमार को लिफाफे देते नजर आए, उन्होंने पूछताछ में बताया कि वे मेले की कानून व्यवस्था और बंदोबस्त संबंधी तैयारी के बारे में समीक्षा रिपोर्ट तत्कालीन उज्जैन आईजी को सौंप रहे थे. कोई भी तथ्य ऐसा नहीं मिला जो आईपीएस वी मधुकुमार के खिलाफ जा रहा हो. उल्टा वीडियो जानबूझकर आईपीएस की छवि खराब करने के लिए वायरल करने का तथ्य निकलकर सामने आया. लोकायुक्त ने इन तथ्यों के आधार पर आईपीएस को क्लीन चिट दे दी.

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