आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि वह इस फायरिंग का समर्थन नहीं करते हैं और आगे से समर्थकों को ऐसा न करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि फायरिंग के मामले में वह जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई करेंगे.
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इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में नगर निगम अधिकारी से विवाद के दौरान बेट से पिटाई करने वाले विधायक और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) जेल से बाहर आ गए हैं. ऐसे में जेल के बाहर खड़े समर्थकों ने फूल-माला पहनाकर उनका जोरदार स्वागत किया और हर्ष फायरिंग भी की, जिस पर आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि वह इस फायरिंग का समर्थन नहीं करते हैं और आगे से समर्थकों को ऐसा न करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि फायरिंग के मामले में वह जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई करेंगे.
वहीं जमानत मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि 'जब पुलिस के ही सामने एक महिला को घसीटा गया तो मैंने अपना आपा खो दिया. उस वक्त मैं कुछ भी सोचने-समझने की स्थिति में नहीं था. मैंने जो कुछ भी किया उस पर मैं शर्मिंदा हूं और भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वे मुझे अब आगे कभी भी बल्लेबाजी करने का मौका ना दें.' जेल में बीते समय पर उन्होंने कहा कि 'जेल में अच्छा समय बीता. मैं हमेशा जनता की सेवा करता रहूंगा.'
Madhya Pradesh: Celebratory firing outside BJP MLA Akash Vijayvargiya's office in Indore after he got bail in an assault case. (29-06) pic.twitter.com/d1j2d03hLY
— ANI (@ANI) 30 June 2019
Akash Vijayvargiya, BJP MLA: In such a situation when a woman was being dragged in front of police, I couldn't think of doing anything else, not embarrassed at what I did. But I pray to god 'ki vo dobara ballebazi karne ka avsar na de.' #MadhyaPradesh pic.twitter.com/n9OJSfvgMR
— ANI (@ANI) 30 June 2019
सोशल मीडिया पर छाए 'बैटमैन' आकाश विजयवर्गीय, लोग बोले- 'मैं भी बल्लेबाज'
गौरतलब है कि बीते बुधवार को बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई करते दिखाई दे रहे थे. जिसके बाद इंदौर पुलिस ने बीजेपी विधायक के साथ ही अन्य 10 लोगों पर भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकाना), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.