आइये जानते हैं कि राज्य में कांग्रेस की अप्रत्याशित बढ़त की क्या मुख्य वजहें रहीं...
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नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के चुनावी नतीजे आ चुके हैं और राज्य में कांग्रेस ने 114 सीटें हासिल की हैं, जबकि बीजेपी को 109 सीटें हासिल हुई हैं. वहीं, बसपा को 2, सपा को एक तो वहीं, अन्य को चार सीटें हासिल हुई हैं. इस तरह राज्य में न तो कांग्रेस और न ही भाजपा को बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल हुआ है. हालांकि कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.
आइये जानते हैं कि राज्य में कांग्रेस की अप्रत्याशित बढ़त की क्या मुख्य वजहें रहीं...
-डेढ़ साल पहले मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में 6 किसानों की मौत के बाद से कांग्रेस ने लगातार किसानों की पीड़ा को मुद्दा बनाए रखा.
-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगर सरकारी नर्मदा यात्रा निकाली तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सपत्नीक पैदल नर्मदा यात्रा की.
-ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव और अजय सिंह (राहुल भैया) भी पिछले दो साल से प्रदेश का सतत दौरा कर रहे हैं.
-समय रहते प्रदेश की कमान कमलनाथ के हाथ में सौंपकर कांग्रेस ने एक गैर विवादित व्यक्ति को अपना चेहरा बनाया.
-पार्टी को हिंदू वोट बैंक में पॉपुलर बनाने के लिए राहुल गांधी ने मंदिरों में पारंपरिक भारतीय वेश में खूब पूजा-पाठ की.
-किसानों की कर्ज माफी की घोषणा भी कांग्रेस ने धार्मिक अंदाज में हाथ में गंगाजल लेकर की.
-भाजपा के हिंदुत्व के सामने कांग्रेस ने इस बार अपना सॉफ्ट हिंदुत्व रखा.
-आपस में टकराने वाले बड़े नेताओं को राहुल गांधी ने एक साथ आने के लिए मजबूर कर दिया. कांग्रेस यह नैरेशन बनाने में कामयाब रही कि बीजेपी अपराजेय नहीं है.
-जिताऊ प्रत्याशी को टिकट देने की रणनीति पर कांग्रेस ने सख्ती से काम किया. पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची बहुत मजबूत आई.
-प्रदेश में एससीएसटी एक्ट भी मुद्दा रहा. इस एक्ट में संशोधन का काफी विरोध दिखा. इससे सवर्ण वोटर बीजेपी से दूर हो गया.