इस युवा ने घर पर खोली लाइब्रेरी, फीस के नाम पर साथ पीनी पड़ती है चाय
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इस युवा ने घर पर खोली लाइब्रेरी, फीस के नाम पर साथ पीनी पड़ती है चाय

कहा जाता है कि 'पुस्तकालय ज्ञान को सुरक्षित रखते हैं, ताकि कुछ भी खो न जाए.'

अक्षय अनुग्रह डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विषय में सीनियर रिसर्च फेलो हैं.

नई दिल्ली: पुस्तकें मनुष्य की सर्वश्रेष्ठ मित्र होती हैं. पुस्तकों के माध्यम से मनुष्य को केवल इतिहास ही नहीं बल्कि सभ्यता, संस्कृति, राजनीति, धार्मिक एवं आर्थिक आदि अनेकानेक विषयों के विषय में ज्ञान मिलता है. वहीं कहा जाता है कि 'पुस्तकालय ज्ञान को सुरक्षित रखते हैं, ताकि कुछ भी खो न जाए.' वहीं वर्तमान में पुस्तकालयों की दशा से हम सभी लोग वाकिफ है. ये एक ऐसा समय है, जब सरकारी और सार्वजनिक पुस्तकालय दम तोड़ रहे हैं. इन सबके बीच सागर शहर के एक युवा ने अपने प्रयासों से एक अनोखी लाइब्रेरी तैयार की है. इस लाइब्रेरी को तैयार करने के पीछे उसका उद्देश्य सिर्फ इतना है कि लोगों में पढ़ने की आदत बनी रहे.

  1. राजनीति विज्ञान विषय में सीनियर रिसर्च फेलो है युवक

    समीक्षा लेखन से लोगों में पैदा होता है किताब के प्रति आकर्षण- अक्षय

    लाइब्रेरी के ज्यादातर पाठक युवा हैं- अक्षय अनुग्रह

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सागर के दयानंद वार्ड में रहने वाले अक्षय अनुग्रह डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान विषय में सीनियर रिसर्च फेलो हैं. अक्षय इस लाइब्रेरी को अपने घर की तीसरी मंजिल पर बने एक छोटे से कमरे से चला रहे हैं. अक्षय ने बताया कि इस लाइब्रेरी से कोई भी मुफ्त में किताब ले जा सकता है. किताब ले जाने की शर्त केवल ये है कि किताबें ले जाने वाला जब किताबें लौटाने आएगा, तो उसे मेरे साथ एक कप चाय पीनी होगी. साथ ही चाय के दौरान किताब पर चर्चा भी करनी होगी. उन्होंने बताया कि वे लोगों को किताब की समीक्षा लिखने के लिए भी कहते हैं. उन्होंने कहा कि समीक्षा लेखन से लोगों में किताब के प्रति आकर्षण पैदा होता है. अक्षय ने बताया कि उनकी इस लाइब्रेरी में अलग-अलग विषयों की करीब 1500 किताबें उपलब्ध हैं.

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वहीं अक्षय की इस लाइब्रेरी की चर्चा अब शहर में तेजी से फैल रही है. अक्षय ने बताया कि उन्होंने इस लाइब्रेरी के लिए एक फेसबुक पेज भी बनाया है. साथ ही यहां आने वाले लोग भी इसकी जानकारी अन्य लोगों से सांझा करते हैं. लाइब्रेरी में आने वाले छात्र अमन जैन ने कहा कि मुझे यहां कई महापुरुषों द्वारा लिखी गई किताबें पढ़ने को मिली हैं. ये एक अच्छा अनुभव है. वहीं लाइब्रेरी में आने वाली छात्रा वाटिका का कहना है कि वह यहां करीब पिछले 2 सालों से आ रही हैं. लाइब्रेरी में उपलब्ध किताबों से कई विषयों पर ज्ञान मिलता है. साथ ही लाइब्रेरी के संचालक भी चर्चा के दौरान किताबों को लेकर अच्छी बातें बताते हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेज की लाइब्रेरी में सिर्फ सब्जेक्ट की किताबें रहती हैं, लेकिन यहां कई विषयों की किताबें उपलब्ध हैं.

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अक्षय ने बताया कि इस लाइब्रेरी की शुरुआत जनवरी 2017 में फॉर्मल तरीके से की थी. उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी बनाने से पहले भी लोग आते थे और मुझसे किताबें ले जाकर पढ़ते थे. वहीं लाइब्रेरी बनाने के बाद अब लोगों मे इसे लेकर रुचि और बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि इस लाइब्रेरी के ज्यादातर पाठक युवा हैं. अक्षय ने बताया कि इस लाइब्रेरी को स्थापित करने का उद्देश्य भारत के साहित्य के बारे में लोगों को जानकारी उपलब्ध कराना है. इस लाइब्रेरी में विभिन्न भाषाओं के साहित्य के हिंदी में संस्करण उपलब्ध हैं.

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