सरकारी आंकड़े के अनुसार, राज्य में बारिश-बाढ़ से लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है.
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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ ने बड़े पैमाने पर खेती को नुकसान पहुंचाया है. कई क्षेत्रों के खेतों की फसलें पानी में डूब गई हैं. किसानों पर बरसी आफत को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जगह-जगह धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है. कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मंगलवार से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू कर दिया है. सरकारी आंकड़े के अनुसार, राज्य में बारिश-बाढ़ से लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. लगभग 22 लाख किसानों की 24 हेक्टेयर खेती को नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने केंद्र से राहत राशि की मांग की है.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को नसरुल्लागंज में धरना-प्रदर्शन किया. उन्होंने राज्य सरकार पर किसानों की कर्जमाफी न करने और बिजली का बिल आधा किए जाने के वादे को पूरा न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बारिश से किसानों को नुकसान हुआ है. फसल बर्बाद हो गई है. राज्य सरकार को 40 हजार रुपये हेक्टेयर की दर से मुआवजा देना चाहिए. बाढ़ और अतिवृष्टि से कई लोगों के मकान गिर गए हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिए जाने चाहिए.
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श्री @ChouhanShivraj ने जनता और किसानों की विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा, जिसके बाद उन्होंने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। pic.twitter.com/gX7C0OltOP
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) September 24, 2019
मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंदसौर और नीमच के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर तंज कसते हुए चौहान ने कहा कि अगर मामा (चौहान) मंदसौर नहीं जाता तो मुख्यमंत्री कमरे से बाहर नहीं निकलते और मंदसौर नहीं जाते. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मंगलवार से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू कर दिया है. पहले दिन उन्होंने मंदसौर व नीमच के प्रभावित गांवों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन को किसानों के साथ खड़ा रहना ही होगा. अन्नदाता का यह प्रदेश है. प्रारंभिक तौर पर जो सर्वे हुआ है, उससे संतुष्ट नहीं हूं, बादल छंट गए हैं, दोबारा सर्वे होना चाहिए. जो सर्वे का आंकलन होगा, एक-एक कलेक्टर के पास सूचना जाए, वह किसानों की मदद करे.
मैंने मंदसौर,नीमच के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है जहां फसलें पूर्णतया बर्बाद हो गई हैं। प्रदेश सरकार से मैंने सर्वे करवाकर शत-प्रतिशत मुआवजा, राशि और केन्द्र सरकार से विशेष मेगा राहत पैकेज की मांग की है। pic.twitter.com/bK9mveQhoJ
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) September 24, 2019
सिंधिया आगामी दो दिनों में ग्वालियर चंबल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले हैं. इससे पहले सिंधिया कई हिस्सों का दौरा कर चुके हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को मंदसौर और नीमच का दौरा किया था. इस दौरान कमलनाथ ने किसानों की हर संभव मदद का वादा किया था, साथ ही कहा था कि यह पहले जैसी सरकार नहीं है, प्रभावितों को मुआवजे के लिए भटकना नहीं होगा. प्रभावितों को सर्वे से पहले ही राहत राशि मिलेगी. इनपुट आईएएनएस