विधानसभा में पारित होकर कानून बनने के बाद यदि कोई शख्स अकेला गोरक्षा के नाम पर हिंसा करेगा तो उसे छह महीने से लेकर तीन साल की सजा और 25,000 रूपये से 50,000 रूपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा.
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भोपाल: गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर लगाम लगाने ने लिए मध्यप्रदेश सरकार सख्त कानून बनाएगी. इस कानून में गोरक्षा के नाम पर हिंसा एवं भीड़ द्वारा हत्या करने वाले स्वयंभू गोरक्षकों को जेल की सजा का प्रावधान किया जाएगा.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम-2004 में संशोधन करने की मंजूरी दी गई है. मध्यप्रदेश के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने इसकी पुष्टि की है. सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार 8 जुलाई से होने वाले आगामी विधानसभा सत्र में इस अधिनियम के संशोधन बिल को अमलीजामा पहनाने के लिए पेश करेगी.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस संशोधन के विधानसभा में पारित होकर कानून बनने के बाद यदि कोई शख्स अकेला गोरक्षा के नाम पर हिंसा करेगा तो उसे छह महीने से लेकर तीन साल की सजा और 25,000 रूपये से 50,000 रूपये तक का जुर्माना देना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि गाय के नाम पर भीड़ द्वारा हिंसा या हत्या की जाती है, तो उनकी सजा को बढ़ाकर न्यूनतम एक साल और अधिकतम पांच साल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि अपराधी दोबारा अपराध करता है तो उसकी सजा दोगुनी कर दी जाएगी.
अधिकारी ने बताया कि संशोधन में उन लोगों को एक से तीन साल की सजा देने का प्रावधान किया जाएगा जो हिंसा के लिए लोगों को उकसाने का कार्य करेंगे. संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले गोरक्षकों को भी इसके तहत सजा दी जाएगी.
(इनपुट: भाषा)