उज्‍जैन: इस मंदिर में होता है मंगल दोष का निवारण, जानें क्‍या है महत्‍व...
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh419138

उज्‍जैन: इस मंदिर में होता है मंगल दोष का निवारण, जानें क्‍या है महत्‍व...

महाकाल की नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल के अलावा ये पावन भूमि यहां पर मौजूद मंगलनाथ मंदिर के लिए भी मशहूर है. 

(फोटो साभार: @twitter)

उज्‍जैन: महाकाल की नगरी उज्जैन को पुराणों में मंगल की जननी भी कहा गया है. बाबा महाकाल के अलावा ये पावन भूमि यहां पर मौजूद मंगलनाथ मंदिर के लिए भी मशहूर है. कुंडली में मंगल दोष होने पर लोग यहां आकर भगवान मंगलनाथ की आराधना करते हैं और अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए मंदिर में पूजा-पाठ करवाते हैं.

  1. उज्जैन को पुराणों में मंगल की जननी भी कहा गया है. 
  2. मांगलिक को दूसरे मांगलिक से ही विवाह करना चाहिए.
  3. मंगल ग्रह की पूजा से मंगल देव को प्रसन्न किया जाता है. 
  4.  

क्‍या होता है मंगलदोष
मंगल दोष एक ऐसी स्थिति है, जो जिस किसी जातक की कुंडली में बन जाये तो उसकी जिंदगी में उथल-पुथल हो जाती है. मंगल दोष कुंडली के किसी भी घर में स्थित अशुभ मंगल के द्वारा बनाए जाने वाले दोष को कहते हैं, जो कुंडली में अपनी स्थिति और बल के चलते जातक के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है. मंगल दोष पूरी तरह से ग्रहों की स्थति पर आधारित है. 

उज्‍जैन: सावन में महाकाल की पूजा से दूर होते हैं सारे दुख, जानें क्‍या है महत्‍व

क्‍या कहते हैं ज्‍योतिष 
ज्योतिष की मानें तो यदि किसी जातक के जन्म चक्र के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें घर में मंगल हो तो ऐसी स्थिति में पैदा हुआ जातक मांगलिक कहा जाता है. यह स्थिति विवाह के लिए अत्यंत अशुभ मानी जाती है. संबंधों में तनाव व बिखराव, घर में कोई अनहोनी व अप्रिय घटना, कार्य में बेवजह बाधा और असुविधा तथा किसी भी प्रकार की क्षति और दंपत्ति की असामायिक मृत्यु का कारण मांगलिक दोष को माना जाता है.

कैसे हो निवारण 
ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि में एक मांगलिक को दूसरे मांगलिक से ही विवाह करना चाहिए. यदि वर और वधू मांगलिक होते हैं तो दोनों के मंगल दोष एक दूसरे से के योग से समाप्त हो जाते है. मूल रूप से मंगल की प्रकृति के अनुसार ऐसा ग्रह योग हानिकारक प्रभाव दिखाता है, लेकिन वैदिक पूजा-प्रक्रिया के द्वारा इसकी भीषणता को नियंत्रित कर सकते हैं.

उज्जैनः पत्नी साधना सिंह के साथ बाबा महाकाल के दरबार पहुंचे सीएम शिवराज

ऐसे करें मंगल शांति की पूजा 
मंगल ग्रह की पूजा के द्वारा मंगल देव को प्रसन्न किया जाता है और मंगल द्वारा जनित विनाशकारी प्रभावों को शांत व नियंत्रित कर सकारात्मक प्रभावों में वृद्धि की जा सकती है. ऐसे व्यक्ति जिनकी कुंडली में मंगल भारी रहता है, वे अपने अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए मंगलनाथ मंदिर में पूजा-पाठ करवाने आते हैं. पूरे भारत से लोग यहां पर आकर मंगल देव की पूजा आराधना करते हैं, जिनकी कुंडली में मंगल भारी होता है वह मंगल शांति हेतु यहां भात पूजा करवाते हैं.

Trending news