स्वाद इम्युनिटी काः गजब है चंबल की गजक, स्वाद में लाजवाब, इम्युनिटी भी होगी मजबूत
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स्वाद इम्युनिटी काः गजब है चंबल की गजक, स्वाद में लाजवाब, इम्युनिटी भी होगी मजबूत

सर्दियों के मौसम में सेहतमंद रहने के लिए गजक खाना बेहद फायदेमंद रहता है. खासकर चंबल अंचल के मुरैना की गजक को तो सर्दियों का टॉनिक कहा जाता है, जो स्वाद और सेहत दोनों के लिए अच्छी मानी जाती है. पढ़िए गजक के 10 फायदे...

 

चंबल की गजक

मुरैना: सर्दियों का सीजन शुरू होते ही लोगों के खानपान में भी बदलाव होना शुरू हो गया है. आज हम आपको ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं. जो न केवल स्वाद में भरपूर है, बल्कि सेहत के लिए भी असरदार होती है और इसे खाने से कोरोनाकॉल में इम्युनिटी भी मजबूत रहती है. बात कर रहे हैं गजक की जो सर्दियों के सीजन में बेहद पसंद की जाती है. अगर गजक चंबल अंचल के मुरैना की हो तो फिर इसका स्वाद दोगुना हो जाता है. मुरैना की गजक की डिमांड न केवल देश बल्कि विदेशों में भी है. सर्दी में जो भी इसका स्वाद एक बार चख लेता है, वह गजक दीवाना हो जाता है. 

80 से 90 साल पुराना है चंबल की गजक का इतिहास 
मुरैना जिले में बनने वाली गजक का इतिहास करीब 80 से 90 साल पुराना है. जिसे सर्दियों का टॉनिक भी कहा जाता है. अंग्रेज भी इसके स्वाद के शौकीन माने जाते थे. गजक सर्दियों में शरीर को गर्म रखती है. जिसके चलते ठंड के सीजन में इसकी मांग ज्यादा रहती है. गजक खाने में जितनी स्वादिष्ट होती है. इसे बनाने में भी उतनी ही मेहनत लगती है. तिल को जमीन पर बैठकर घंटों तक कूटा जाता है, फिर तिल में आटे को तब तक फेंटा जाता है जब तक कि सभी तिल न टूट जाएं और आटे में अपने तेल को छोड़ दें, बाद में इसे भट्टी की आग पर तपाया जाता है. 5 से 8 किलो गजक तैयार करने में 10 से 15 घंटे का समय लग जाता है. तब कही जाकर गजक का स्वाद शौकीनों की जुंबा तक पहुंचता है. 

पानी की वजह से बेजोड़ है चंबल की गजक का स्वाद 
चबंल अंचल में बनने वाली गजक का स्वाद यहां की पानी की खास तासीर का नतीजा माना जाता है. बताया जाता है कि चंबल नदीं के पानी में कुछ खास तत्व पाए जाते हैं, जिसके चलते यहां बनने वाली गजक न केवल स्वाद में बेहद टेस्टी लगती है बल्कि सेहत के लिए भी यह बेहद फायदेमंद रहती है. यही वजह है कि गजक बनाने वाले मुरैना के हलवाईयों की देशभर में डिमांड रहती है.  

गजक खाने के 10 फायदे 
1. सर्दियों में गजक औषधि का काम करती है
2. गजक का सेवन अर्थराइटिस बीमारी से बचाता है
3. तिल और गुड़ में मौजूद कैल्शियम हड्डियां मजबूत करता है 
4. गजक के सेवन से लीवर भी स्वस्थ रहता है
5. गजक में एंटी आक्सीडेंट्स होने से इम्युनिटी बढ़ती है 
6. गजक में आयरन की भी भरपूर मात्रा रहती है, जिससे एनीमिया जैसी बीमारी का खतरा नहीं होता
7. तिल और गुड़  से बनने वाली गजक से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जिससे सर्दियों में मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है 
8. गजक खाने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है 
9. गजक में फाइबर की मात्रा भी भरपूर होती है 
10. सबसे अच्छा है यह है कि गजक खाने से सर्दियों में ऊर्जा बनी रहती है

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दुनियाभर में फेमस है चंबल की गजक 
कुछ समय पहले तक एमपी-यूपी तक ही फेमस मानी जाने वाली गजक आज पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ रही है. भारत के अलावा अन्य देशों में भी मुरैना जिले के गजक की अच्छी खासी डिंमाड है. मुरैना में लगभग छोटे-बड़े 200 से अधिक लोग है जो गजक बनाने का काम करते है और औसतन हर व्यापारी 100 किलो गजक एक दिन में तैयार करता है. जो देशभर में स्वाद के शौकीनों के लिए पहुंचती है. जबकि विदेशों में बसे भारतीयों में भी गजक की डिमांड अच्छी खासी रहती है. मुरैना से हर साल गजक दुनियाभर में भेजी जाती है. दरअसल, तिल की तासीर गर्म होने के कारण यह सर्दियों में फायदेमंद रहता है. इस बार कोरोनाकॉल में तो लोगों ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी गजक का जमकर इस्तेमाल किया है. 

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