ट्रैवल: सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में लें मॉनसून का मजा, यहां प्रकृति ने बिखेरा है सौंदर्य
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ट्रैवल: सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में लें मॉनसून का मजा, यहां प्रकृति ने बिखेरा है सौंदर्य

होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी 1100 मीटर की ऊंचाई पर बसा है जिसे सतपुड़ा की रानी के नाम से भी जाना जाता है. 

(फोटो साभार: @twitter/@MPTourism)

भोपाल: मध्‍य प्रदेश का एकमात्र हिल स्‍टेशन पचमढ़ी मॉनसून के दिनों में और भी खूबसूरत हो जाता है. होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी 1100 मीटर की ऊंचाई पर बसा है जिसे सतपुड़ा की रानी के नाम से भी जाना जाता है. सिंध व सतपुड़ा की सुंदर पहाड़ियों से घिरा यह पर्यटन स्थल मध्यप्रदेश का सबसे ऊंचा पर्यटन स्थल है. यहां की सुंदरता पर्यटकों को लुभाती है और गर्मियों के दौरान यहां सैलानियों का तांता लगा रहता है.

पचमढ़ी दो शब्द पंच अर्थात पांच और मढ़ी अर्थात गुफा से मिल कर बना है. मान्यता है कि यहां मौजूद पांच गुफाएं पांडवों ने महाभारत काल में अपने वनवास के दौरान बनाया था. ये गुफाएं यहां एक ऊंचे पर्वत शिखर पर मौजूद हैं. कहा जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान ज्यादा समय यही बिताया था.

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ब्रिटिश राज का गवाह 
पहले पचमढ़ी पर गोंड जनजाति का राज था. ब्रिटिश राज से पहले यह इसी जनजाति की राजधानी थी. 1887 में ब्रिटिश सैनिक कैप्टन जेम्स फोर्स्थ ने इसका परिचय पश्चिमी दुनिया से कराया. अंग्रेजों ने भी पंचमढ़ी को मध्यप्रदेश की राजधानी बनाया. आजादी के बाद 1967 तक पचमढ़ी मध्यप्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी. यहां मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के भी बंगले मौजूद हैं. साथ ही यहां एक राजभवन भी है जो राज्यपाल के ठहरने के लिए उपयोग में लाया जाता था. अब कई बार राज्य शासन और विपक्षी पार्टियों की मीटिंग यहां आयोजित की जाती है.

मध्‍य प्रदेश का एकमात्र हिल स्‍टेशन 
पंचमढ़ी का तापमान 25 डिग्री से ज्यादा नहीं रहता इसलिए यहां साल के किसी भी महीने में जाया जा सकता है. य‍हां देखने के लिए धूपगढ़ सतपुड़ा रेंज का सबसे ऊंचा प्वाइंट है. इसे सनराइज और सनसेट प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता है. चारुगढ़ यहां का दूसरा सबसे ऊंचा प्वाइंट है. इसका धार्मिक महत्व भी है क्योंकि इसके शिखर पर एक शिव मंदिर स्थित है.

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देखने लायक जगहें 
इसके अलावा पांडव गुफाएं यहां प्राचीन कालीन पांच गुफाएं हैं. हिंदू कथाओं के अनुसार, महाभारत काल के दौरान यहां पांडवों ने आश्रय लिया था. गुफा के पास ही एक बेहद खूबसूरत गार्डन भी है. अब इन गुफाओं को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर दिया गया है. यहां कई झरने मौजूद हैं. इनमें से प्रमुखः 2800 फीट से अधिक ऊंचा सिल्वर फॉल या रजत प्रपात, बी-फॉल, लिटिल फॉल, डचेस फॉल हैं. महादेव मंदिर यह एक गुफा है, जो खूबसूरत पेंटिंग्स के लिए प्रसिद्ध है. यह गुफा लगभग 30 मीटर लंबी है.

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
यहां पर पचमढ़ी राष्ट्रीय उद्यान में तेंदुआ, भालू, भैंसा तथा अन्य जंगली जानवर सहज ही देखने को मिल जाते हैं. सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 1981 में बनाया गया जिसका क्षेत्रफल 524 वर्ग किमी. है. यहां दिन या रात में रुकने के लिए आपको उद्यान के निदेशक से अनुमति लेना पड़ती है. पचमढ़ी में बहुत से अच्‍छे लॉज और होटल्स हैं.

कैसे जाएं 
सड़क मार्ग से पंचमढ़ी भोपाल और इंदौर से जुड़ा हुआ है. भोपाल के हबीबगंज बस टर्मिनल से बसें चलती हैं जो 5-6 घंटे में पंचमढ़ी पहुंचती हैं. पंचमढ़ी पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन पिपरिया है जो केवल 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अगर आप हवाई मार्ग से पहुंचना चाहते हैं तो भोपाल और नागपुर यहां से नजदीकी एयरपोर्ट हैं.

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