बताया जाता है कि 1300 से ज्यादा मरीजों को जब डिस्चार्ज किया गया तो इनमें कई मरीज ऐसे थे जो पढ़े लिखे थे. जिन्होंने डिस्चार्ज होने पर सरकारी आंकड़ों पर भरोसा नहीं किया और खुद की जांच दोबारा कराई. वहीं, कई ऐसे मरीज भी थे जो यहां-वहां स्वतंत्र होकर घूमने लगे.
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भोपाल: राजधानी भोपाल में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की तरफ से बनाई गई होम अइसोलेशन की गाइडलाइन को ताक पर रखकर 1300 से ज्यादा मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया. नियमों के मुताबिक ऐसे मरीजों को 10 दिन आइसोलेशन और 7 दिन क्वॉरंटीन में रहना पड़ता है. उसके बाद कोरोना की जांच कर डिस्चार्ज किया जाता है. लेकिन भोपाल में ऐसा नहीं किया गया. इसकी वजह से कई मरीज दोबारा संक्रमित हो गए. इसका पता तब चला, जब मरीजों ने खुद से कोरोना की जांच कराई.
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बताया जाता है कि 1300 से ज्यादा मरीजों को जब डिस्चार्ज किया गया तो इनमें कई मरीज ऐसे थे जो पढ़े लिखे थे. जिन्होंने डिस्चार्ज होने पर सरकारी आंकड़ों पर भरोसा नहीं किया और खुद की जांच दोबारा कराई. वहीं, कई ऐसे मरीज भी थे जो यहां-वहां स्वतंत्र होकर घूमने लगे. जिसकी वजह से कई और लोग भी संक्रमित हो गए.
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जानिए क्या है ICMR की गाइडलाइन?
1. होम आईसोलेट मरीज का तापमान, पल्स रेट, ऑक्सीजन सेचुरेशन की रिकार्डिंग प्रशासनिक अमला करेगा.
2. डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ जांच के बाद मरीजों को जरूरी दवाएं देंगे.
3. डॉक्टर हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की खुराक मरीज के अटेंडेंट को देंगे.
4. मरीज की निगरानी रैपिड रिस्पांस टीम और इंसीडेंट कमांडर करेगा. इस टीम में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ भी शामिल होंगे.
5. मरीज को होम आइसोलेशन में तभी रखा जाएगा, उसे देखने के लिए कोई मौजूद होगा.
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