MP में एक दिन की छुट्टी को लेकर गरमाई सियासत! जानिए क्या है 21% आबादी से जुड़ा मामला
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MP में एक दिन की छुट्टी को लेकर गरमाई सियासत! जानिए क्या है 21% आबादी से जुड़ा मामला

MP News: मध्य प्रदेश में विश्व आदिवासी दिवस पर सरकारी अवकाश घोषित नहीं होने पर सियासत गरमा गई है. पूर्व CM कमलनाथ ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए आदिवासी विरोधी करार दिया है. पढ़िए एमपी की 21% आबादी से जुड़ा पूरा मामला. 

MP Politics on Tribal Day

Kamalnath Target MP Govt on Adivasi Diwas No Hoilday: पूरी दुनिया में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा है. इस बीच भारत के सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी वाले राज्य मध्य प्रदेश में इसी दिवस को लेकर सियासत गरमा गई है. प्रदेश में इस दिन सार्वजनिक छुट्टी घोषित नहीं होने पर पूर्व CM कमलनाथ ने राज्य की मोहन सरकार को घेरा है. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए उसे आदिवासी विरोधी भी बताया है. कमलनाथ के अलावा झाबुआ विधायक विक्रांत भूरिया ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.

MP में 21% आदिवासी आबादी
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में कुल 21.1% आदिवासी जनसंख्या है. ये आबादी पूरे देश में सबसे ज्यादा है. एमपी के झाबुआ, मंडला, खरगोन, धार, बड़वानी, बैतूल, होशंगाबाद, उमरिया, अनूपपुर, सीधी, शहडोल, बालाघाट, हरदा, श्योपुर और ग्वालियर जिलों में मुख्य तौर पर बड़ी संख्या में आदिवासी निवास करते हैं. 

कमलनाथ ने सरकार को घेरा
प्रदेश में आदिवासियों की इतनी बड़ी जनसंख्या होने के बाद भी आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक छुट्टी घोषित नहीं होने पर राज्य के पूर्व CM कमलनाथ ने मोहन सरकार को घेरा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- 'आप सबको विदित है कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी तो 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश घोषित किया गया था. बाद में भारतीय जनता पार्टी सरकार ने इस अवकाश को समाप्त कर दिया. मैंने 25 जुलाई 2024 को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से यह अवकाश घोषित करने की मांग की थी. लेकिन मुख्यमंत्री ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया.

इस तरह मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार का आदिवासी विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है।कल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस है, लेकिन बार बार आग्रह करने के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस का सार्वजनिक अवकाश बहाल नहीं किया है. मध्य प्रदेश पहले से ही आदिवासी अत्याचार में नंबर वन है. आदिवासी अधिकारों की रक्षा के प्रति भाजपा पूरी तरह लापरवाह है. और अब विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश देने से मना कर भाजपा ने अपने इस व्यवहार पर आधिकारिक मुहर लगा दी है.'

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विक्रांत भूरिया ने भी साधा निशाना
विश्व आदिवासी दिवस पर मध्य प्रदेश में सार्वजनिक छुट्टी नहीं होने पर झाबुआ से कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर 9 अगस्त को छुट्टी न घोषित करना यह दर्शाता है कि सरकार आदिवासी की विरोधी है. उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश 9 अगस्त को आदिवासी दिवस मनाता है. हमने विधानसभा सत्र में भी यह मांग की थी लेकिन सरकार द्वारा इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.

 

विश्व आदिवासी दिवस पर पहली बार छुट्टी
बता दें कि साल पहली बार साल 2018 में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर 9 अगस्त को एमपी में सरकारी छुट्टी घोषित की गई थी. ये छुट्टी आदिवासी विकास खंड वाले 20 जिलों में थी. इसके बाद प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार बनी और बागडोर कमलनाथ के हाथों में आई यानी वे CM बने तो 2019 में उन्होंने इस दिन अवकाश की घोषणा की थी. 

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इनपुट- भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट, ZEE मीडिया

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