MP NEWS: रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बीच मां राजराजेश्वरी माता मंदिर के लिए बड़ा ऐलान, हो गया भूमि पूजन
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MP NEWS: रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बीच मां राजराजेश्वरी माता मंदिर के लिए बड़ा ऐलान, हो गया भूमि पूजन

Madhya Pradesh News: एक तरफ अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई, दूसरी ओर शाजापुर स्थित राजराजेश्वरी माता के लिए कई ऐलान किए गए.  मां राजराजेश्वरी माता मंदिर प्रांगण में 2 करोड़ 65 लाख की लागत से किए जाने वाले विकास कार्यों का भूमि-पूजन विधि-विधान से विधायक अरुण भीमावद ने किया. 

MP NEWS: रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बीच मां राजराजेश्वरी माता मंदिर के लिए बड़ा ऐलान, हो गया भूमि पूजन

Madhya Pradesh News: शाजापुर में सोमवार को मां राजराजेश्वरी माता मंदिर प्रांगण में 2 करोड़ 65 लाख की लागत से किए जाने वाले विकास कार्यों का भूमि-पूजन विधि-विधान से विधायक अरुण भीमावद ने किया. इस अवसर पर कलेक्टर ऋजु बाफना और एसपी यशपाल सिंह राजपूत भी उपस्थित थे. इसके बाद भूतेश्वर महादेव मंदिर पर जन सहयोग से बनने वाले मंदिर का भूमि पूजन किया गया.

राज राजेश्वरी माता मंदिर में दो करोड़ पैंसठ लाख की लागत से विभिन्न निर्माण कार्य किए जाएंगे. यहां पूजन सामग्री विक्रय करने वाले व्यापारियों के लिए दुकानें, साधु-संतों के रूकने के लिए तीन कमरे, मेला प्रांगण की बाउंड्री वॉल एवं समतलीकरण किया जाएगा. इसके अलावा नई सड़क स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर की जमीन पर हटाएं गए अतिक्रमण के बाद यहां भी नये मंदिर का निर्माण किया जाएगा. मंदिर के निर्माण के लिए विधायक अरुण भीमावद ने भूमि-पूजन किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और समाजजन उपस्थित थे.

राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बीच हुआ आयोजन
एक तरफ अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई, दूसरी ओर शाजापुर स्थित राजराजेश्वरी माता के लिए कई ऐलान किए गए. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अयोध्या पहुंचकर बतौर मुख्य यजमान प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन विधि विधान के साथ पूरा करवाया. करीब एक घंटे तक चली पूजा के बाद पीएम मोदी ने 11 दिन बाद अपना व्रत तोड़ा श्रीरामलला की परिक्रमा कर भगवान को साष्टांग प्रणाम किया. 

राममंदिर भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है
पीएम ने कहा 'राममंदिर भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है. आज अयोध्या में, केवल श्रीराम के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है. ये श्रीराम के रूप में साक्षात् भारतीय संस्कृति के प्रति अटूट विश्वास की भी प्राण प्रतिष्ठा है. ये साक्षात् मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की भी प्राण प्रतिष्ठा है. राम तो सबके हैं, राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं. प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं, क्योंकि राम भारतवासियों के अंतरमन में विराजे हैं.'

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