CGPSC Scam: बेटा, बेटी और बहू को बनाया अधिकारी, अब CBI ने संभाली जांच की कमान
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CGPSC Scam: बेटा, बेटी और बहू को बनाया अधिकारी, अब CBI ने संभाली जांच की कमान

CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ राज्य सेवा आयोग (CGPSC) घोटाला मामले में अब CBI की एंट्री हो गई है. एजेंसी ने एक दिन पहले सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जे के ध्रुव और अन्य के खिलाफ FIR भी दर्ज की है. 

CGPSC Scam: बेटा, बेटी और बहू को बनाया अधिकारी, अब CBI ने संभाली जांच की कमान

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ राज्य सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले की जांच अब केंद्रीय जांच एजेंसी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) करेगी.  CBI ने बताया कि 2020 और 2022 के बीच अधिकारियों और राजनेताओं के रिश्तेदारों की भर्ती में अनियमितताओं के संबंध में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) की जांच अपने हाथ में ले ली है. इसके अलावा CBI ने  पूर्व सीजीपीएससी अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जे के ध्रुव और अन्य के खिलाफ FIR भी दर्ज की है. 

जांच में पता चला है कि सोनवानी के बेटे नितेश का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है, जबकि उनकी बहन की बेटी सुनीता जोशी का चयन लेबर ऑफिसर के पद पर हुआ. सोनवाली की बहू निशा कोसले का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ. इसके अलावा सोनवाली के परिवार के अन्य रिश्तेदारों का भी सीजीपीएससी में सिलेक्शन हुआ था.

बेटे-बेटियों का कराया सिलेक्शन
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों, बेटे-बेटियों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे बड़े पदों पर नियुक्ति दिलाने के दिलाने के लिए मेरिट सूची के साथ छेड़छाड़ की और हेरफेर किया. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि शीर्ष अधिकारियों और राजनेताओं के बच्चे 171 छात्रों की मेरिट सूची में शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने रायपुर और भिलाई में एफआईआर में नामजद लोगों के घरों पर तलाशी भी की है.

सीबीआई ने ली तलाशी
सीबीआई ने सोमवार को तत्कालीन सीजीपीएससी अध्यक्ष तमन सिंह सोनवानी (सेवानिवृत्त आईएएस), तत्कालीन सीजीपीएससी सचिव जीवन किशोर ध्रुव (सेवानिवृत्त आईएएस) के आवासीय परिसरों और रायपुर और भिलाई में परीक्षा नियंत्रक के आधिकारिक परिसरों की तलाशी ली. सीबीआई ने हाल ही में इस साल जनवरी में राज्य सरकार द्वारा किए गए अनुरोध के आधार पर मामले की जांच अपने हाथ में ली थी और 9 जुलाई को एक प्राथमिकी दर्ज की थी.

इन धाराओं में केस दर्ज
एफआईआर आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (रिश्वत), 7A (लोक सेवक को प्रभावित करना) और 12 (उकसाना) के तहत दर्ज की गई है. एफआईआर में सोनवानी, ध्रुव सहित अन्य लोक सेवकों का नाम दर्ज है. इससे पहले छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मामले की जांच कर रही थी.

CM ने कहा- जनता से वादा किया था
CGPSC में कथित अनियमितता पर CBI के प्राथमिकी दर्ज करने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, "विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी तो यहां के युवाओं के साथ CGPSC में जो घोटाले हुए हैं उसकी CBI द्वारा जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी। CBI ने अपनी जांच शुरू कर दी है."

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