Chandra Darshan Puja Vidhi: यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, जिसके चलते आपका भाग्य साथ नहीं दे रहा है तो आप फरवरी माह में पड़ने वाले शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन चंद्र दर्शन कर इस विधि से चंद्र देव की आराधना करें.
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Chandra Darshan 2023 Date Puja Time and Importance: हिंदू धर्म में केवल देवी-देवता ही नहीं बल्कि सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी, आकाश और नदियों की पूजा भी की जाती है. धार्मिक मान्यतानुसार चंद्रमा को देवता माना गया है. हर माह पड़ने वाली अमावस्या तिथि के अगले दिन यानी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन चंद्र दर्शन (Chandra Darshan) करना विशेष पुण्यकारी होता है. आइए जानते हैं फरवरी में कब होगा चंद्र देव का दर्शन और क्या है इसका(Chandra Darshan Significance) महत्व?
फरवरी में कब करें चंद्र दर्शन
हिंदू पंचांग के अनुसार 20 फरवरी को माघ माह की अमावस्या तिथि है. इसके अगले दिन यानी 21 फरवरी को शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. अमावस्या के बाद यानी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन चंद्रमा देखने की परंपरा को चंद्र दर्शन कहते हैं. 21 फरवरी के दिन चंद्र दर्शन का शुभ समय सांयमकाल 06 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 28 मिनट तक है. यानी चंद्र दर्शन का कुल समय 1 घंटा 12 मिनट है.
चंद्र दर्शन पूजा विधि
चंद्र दर्शन के लिए दर्शन के मुहूर्त से पहले स्नान करने के बाद सफेद वस्त्र धारण करें. इसेक बाद विधि विधान से पूजा करें. शाम के समय चंद्रोदय के समय "ॐ सोम सोमाय नमः" मंत्र का जाप करते हुए चंद्रमा को गंगाजल और गाय के कच्चे दूध का अर्घ्य दें. साथ ही इन्हें धूप दिखाएं और खीर का भोग लगाएं. ऐसा करने से चंद्र देव की कृपा से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
चंद्र दर्शन का महत्व
चंद्र देव को ज्ञान, बुद्धि, ऐश्वर्य और मन का स्वामी ग्रह माना जाता है. चंद्र दर्शन यानी हर माह पड़ने वाली अमावस्या के अगले दिन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन चंद्र दर्शन करने से चंद्र देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. यदि आपके कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो आप इस दिन चंद्र यंत्र की पूजा करें. इस दिन आप चंद्रमा की स्थिति मजबूत करने के लिए निम्मनलिखित मंत्रों में से किसी एक मंत्र का एक माला जाप करें.
चंद्र देव वैदिक मंत्र
ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं।
महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय इमममुध्य पुत्रममुध्यै
पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।
चंद्र देव का बीज मंत्र
ऊॅँ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम:
चंद्र देव मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।
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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)