दीवार खड़ी कर मिशनरी स्कूल का गेट रातों-रात पुलिस ने किया बंद, सुबह बच्चे घर लौटे, जानिए मामला
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दीवार खड़ी कर मिशनरी स्कूल का गेट रातों-रात पुलिस ने किया बंद, सुबह बच्चे घर लौटे, जानिए मामला

दमोह में स्कूल विभाग और पुलिस के विवाद के बीच बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. पुलिस की कार्रवाई से आज बच्चों को स्कूल से वापस लौटना पड़ा. ये पूरा मामला जमीन से जुड़ा हुआ है.

दीवार खड़ी कर मिशनरी स्कूल का गेट रातों-रात पुलिस ने किया बंद, सुबह बच्चे घर लौटे, जानिए मामला

महेंद्र दुबे/दमोह:  कहीं कुछ विवाद होता है तो लोग पुलिस को मदद के लिए बुलाते हैं. लेकिन क्या हो अगर विवाद की वजह ही पुलिस हो? तब किसे बुलाया जाएगा?  दमोह में कुछ ऐसा ही हुआ है. जब पुलिस ने एक बड़े निजी स्कूल के मेन गेट के सामने रात में दीवार खड़ी कर दी और सुबह बच्चों को स्कूल के अंदर तक जाने नहीं मिला और पेरेंट्स अपने बच्चों को घर ले गए. 

दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि पुलिस स्कूल के सामने की सड़क और जमीन पर अपना कब्जा बता रही है. जबकि स्कूल जाने का रास्ता भी सालों से ये ही है. अब शहर के वैशाली नगर के नजदीक निजी स्कूल है. ये स्कूल सालों से यहां संचालित है और मुख्य मार्ग से एक रास्ता स्कूल को जाता है. स्कूल का बड़ा गेट भी यहीं बना है. लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं और बच्चे यहीं से स्कूल के अंदर जाते रहे हैं. गुरुवार की रात अचानक पुलिस विभाग ने मजदूरों को बुलाया और मेन गेट के सामने बड़ी दीवार खड़ी कर दी और मुख्य द्वार बंद कर दिया.

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पुलिस नहीं मानी
वहीं रात में हुई कार्रवाई की जानकारी स्कूल प्रबंधन को मिली तो स्कूल प्रिंसिपल और स्टाफ मौके पर पहुंचा लेकिन पुलिस नहीं मानी. शुक्रवार की सुबह स्कूल में बच्चों का आना शुरू हुआ तो सब हैरान रह गए. क्योंकि स्कूल का गेट दीवार में बदल गया था. सेट जॉन्स स्कूल में शहर और आसपास के इलाकों के तकरीबन दो हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ते है और सुबह से स्कूल के बाहर बच्चों और उनके अभिभावकों की भीड़ जमा हो गई. स्कूल प्रिंसिपल के मुताबिक स्कूल के पीछे वाले हिस्से में बने दूसरे गेट के पास निर्माण कार्य चल रहा है. लिहाजा वहां से बच्चो को स्कूल के अंदर ले जाना जोख़िम भरा है और वो रिस्क नहीं ले सकती. ऐसे में बच्चों को वापस घर भेजना पड़ा.

क्या कहा स्कूल प्रबंधन ने...
इस मामले में स्कूल की प्रिंसिपल का कहना है कि जिस रास्ते को बन्द किया गया है. वहां सालों से बच्चे आते जाते हैं और यही मेन गेट है. रास्ता स्कूल के नक्शे में भी है, लेकिन पुलिस मानने को तैयार नहीं है. दूसरी तरफ पुलिस का दावा है कि ये जमीन पुलिस विभाग की है. जिस पर स्कूल प्रबंधन का कब्जा था. अभी पुलिस क्वाटर्स बन रहे हैं और उन्होंने अपनी जमीन पर निर्माण कार्य किया है. बच्चों को दूसरे गेट से प्रबंधन ले जाये. 

अब जमीन किसकी रास्ता किसका इसकी दस्तावेजी जानकारी दोनों पक्ष दिखाने तैयार नहीं है. स्कूल अब पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है.

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