Farmers Protest Against Atal Progress Way: मध्य प्रदेश के चंबल अंचल से अटल प्रोग्रेस वे गुजरने वाला है, जिसके प्रोजेक्ट का काम चल रहा है. लेकिन, भिंड के कई किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और सरकार पर किसानों को भूमिहीन करने का आरोप लगा रहे हैं.
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Farmers Protest Against Atal Progress Way: प्रदीप शर्मा/भिंड। चंबल इलाके को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए चंबल नदी किनारे अटल प्रोग्रेस वे (Chambal Expressway) का निर्माण होना है. जिसमें नए एलाइनमेंट के तहत किसानों की 90% भूमिका अधिग्रहण किया जाना है. जिसका किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. किसान भिंड के प्रतापपुरा इलाके में भारतीय किसान संघ के बैनर तले सड़क पर टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए हैं. वो अपनी जमीन किसी कीमत पर देने को तैयार नहीं हैं और सरकार पर किसानों को भूमिहीन करने का आरोप लगा रहे हैं.
क्यों किसान कर रहे हैं विरोध?
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की आपत्ति के बाद इसका तय रूट चंबल नदी से 1.5 किलोमीटर पेरेलल को हटाकर 3 किलोमीटर किया गया है. इस कारण पहले अनुमानित 70% बीहड़ और 30% किसानों की जमीन के अधिग्रहण होना था. लेकिन, अब निजी जमीन बढ़कर 90 फीसदी हो गई है. इसी कारण किसान विरोध कर रहे हैं.
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किसी हाल में नहीं देंगे जमीन!
किसान अपनी जमीन को किसी भी हालत में देने के लिए तैयार नहीं है. किसानों का कहना है कि यहां पर छोटे छोटे किसान हैं. अगर उनकी जमीन अधिग्रहीत हो जाएगी तो वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेंगे.
उनको मरना मंजूर है सरकार किसानों की जमीन के बदले बीहड़ी जमीन अथवा मुआवजा देना चाहती है लेकिन जमीन देना मंजूर नहीं है. किसान चाहते ही की अटल प्रोग्रेसिव का कार्य पुराने अलायन्मेट के अनुसार ही बीहड़ किनारे हो, जिससे उनकी उपजाऊ ज़मीन बची रहे. सरकार उन्हें भूमिहीन करना चाहती है. अगर ऐसा हुआ तो वो भूंखे मर जाएंगे.
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कलेक्टर ने क्या कहा?
भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस का कहना है कि 36 गांवों में 320 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना है जिसमें 4000 के लगभग किसान प्रभावित हो रहे हैं जिनमें से कुछ धरने पर बैठे और उनका ज्ञापन प्राप्त होते ही उनका भी पुराने एलाइनमेंट के तहत निराकरण किया जाएगा.
क्या है परियोजना?
भारतमाला परियोजना के तहत देश के चारों कोनों को जोड़ने के लिए शुरू की गई एक्सप्रेसवे योजना के तहत राजस्थान मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित 3 राज्यों से होकर गुजरने वाले चंबल नदी किनारे किनारे 403 किलोमीटर एक्सप्रेस वे का निर्माण कराए जाने की घोषणा मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह द्वारा 2017 में की गई थी.