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खरगोन: शहर में सरकार के खरीदी केंद्रों पर तो किसान नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन किसानों को गेहूं की फसल का अच्छा दाम मंडी के व्यापारी दे रहे हैं. जिससे किसानों की बल्ले बल्ले हो रही है. किसानों का कहना है कि उन्हें 2500 से तीन हजार चाहिए दाम चाहिए हैं, जो सरकारी केंद्रों पर नहीं मिल रहे हैं. दूसरा उनकी ये परेशानी है कि केंद्रों पर बेचने के लिए पहले स्लॉट बुक करना पड़ता है. फिर वहां बारीक गेहूं चलनी लगाकर अलग करना पड़ता है, जिससे किसान असंतुष्ट हैं. वहीं इन सबके बिना बाहर मंडी में किसानों को उससे ऊंचे दाम व्यापारी दे रहे हैं.
खरीदी केंद्रों पर सन्नाटा
खरगोन में सरकार के समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों पर किसान नहीं पहुंच रहे हैं. खरीदी केंद्रों पर एक भी किसान नहीं पहुंच रहा है. शहर के गणेश मार्केटिंग खरीदी केंद्र के प्रबंधक संजय रघुवंशी का कहना है कि केंद्र पर तीन सौ किसानों का भोपाल से पंजीयन था मगर एक भी किसान ने स्लॉट तक बुक नही किया और ना ही कोई पहुंच रहा है. खरीदी केंद्र खाली पड़े हैं. प्रबंधक का कहना है कि किसान को व्यापारी अच्छे भाव मंडी में दे रहे हैं. समर्थन मूल्य 2015 है और किसान को व्यापारी 2500 से अधिक ही भाव दे रहे हैं. इसलिए खरीदी केंद्रों पर किसान नहीं पहुंच रहे.
गेहूं की फसल का दाम 2500 से 3000
किसानों का भी कहना है कि गेहूं की फसल का दाम 2500 से तीन हजार चाहिए. किसानों को मंडी में अच्छे दाम व्यापारी दे रहे हैं, इसलिए किसान मंडी में गेहूं बेचने में ज्यादा इंट्रेस्टेट ले रहे हैं. इस कारण फिलहाल खरीदी केंद्रों पर सन्नाटा दिख रहा है. किसान नहीं पहुंच रहे.
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