Jyotiraditya Scindia Son Mahanaryaman scindia: देश के सबसे बड़े सियासी घरानों में से एक सिंधिया घराने की चौथी पीढ़ी महाआर्यमन सिंधिया की राजनीति में एंट्री हो गई है. महाआर्यमन की ऑपराचिक एंट्री भले ही अब हुई है, लेकिन अनौपचारिक रूप से वो लंबे समय से एक्टिव हैं. वो राजघराने की छवि से उलट बिना किसी लाव लश्कर के आम जनता के बीच समय बिताते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. उनका सादगी भरा अंदाज जनता को मोह लेता है.
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नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सियासी घरानों में से एक सिंधिया घराने की चौथी पीढ़ी महाआर्यमन सिंधिया (Mahanaryaman Scindia) की राजनीति में एंट्री हो गई है. ये हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि उनके दादा माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) और पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) की सियासी पारी भी क्रिकेट पिच से ही शुरू हूई थी. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन को GDCA (ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन) में उपाध्यक्ष बनाया है, जिसे उनकी सियासत में ऑपचारिक लॉचिंग कहा जाएगा. ये आर्यमन का किसी भी संस्था या संगठन में पहला पद है. इसके बाद से वो चर्चा में आ गए हैं. हर कोई महाराज के बेटे युवराज के बारे में जानना चाह रहा है.
महाआर्यमन सिंधिया का सफर
यहां पढ़िए महाआर्यमन सिंधिया का अभी तक का सफर. महाआर्यमन की ऑपराचिक एंट्री भले ही अब हुई है, लेकिन अनौपचारिक रूप से वो लंबे समय से एक्टिव हैं. खासतौर पर ग्वालियर-चंबल के इलाकों में वो आम जनता के बीच पहले ही जगह बना चुके हैं. विदेश से पढ़ाई कर चुके महाआर्यमन जब भी ग्वालियर आते हैं जनता के बीच पहुंच जाते हैं. अपना जन्मदिन भी उन्हीं के बीच मनाते हैं. उन्हें जनता प्यार से युवराज कहती है और बेहद प्यार लुटाती है. इसका कारण है वो राजघराने की छवि से उलट हमेशा बिना किसी लाव लश्कर के आम जनता के बीच समय बिताते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. उनका सादगी भरा अंदाज जनता को मोह लेता है.
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फेसबुक पोस्ट से आ गए थे चर्चा में
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के इकलौते बेटे महाआर्यमन सिंधिया के एक फेसबुक पोस्ट ने मध्यप्रदेश की सियासत गर्म कर दी थी. महाआर्यमन ने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था 'उसूलों पे जहां आंच आए टकराना जरूरी है, गर जिंदा हो फिर जिंदा नजर आना जरूरी है' ये पोस्ट पिता के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने पर किया था, जिसके बाद वो राजनीति के दिग्गजों की नजरों में आ गए थे. बता दें महाआर्यमन अपनी मां प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के साथ भी कई मौकों पर सार्वजानिक मंचों पर नजर आते रहे हैं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हैं.
कांग्रेस के लिए करते रहे हैं प्रचार
महाआर्यमन पिता के संसदीय क्षेत्र को काफी हद तक समझते हैं और पकड़ बना रहे हैं. पिछले कुछ समय से गुना-शिवपुरी में वो कई कार्यक्रमों में मौजूद रहे. 2018 में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे तब गुना-शिवुपरी संसदीय सीट से चुनाव हार गए थे. लेकिन पूरे प्रचार के दौरान महाआर्यमन पिता के साथ खड़े रहे. उस समय एक तस्वीर ने मीडिया का काफी ध्यान खींचा था, जिसमें चुनाव प्रचार के लिए अशोकनगर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया और महाआर्यमन आम आदमी की तरह सड़क पर चाट खाते दिखे थे. महाआर्यमन ने खुद आलू टिकिया की चाट बनाई और मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी खिलाई. अपने चहेते युवराज का ये रूप देखने भीड़ जमा हो गई थी. इसके बाद महाआर्यमन ने 350 रुपए चाट वाले को दिए थे. महाआर्यमन युवाओं से संवाद करते रहते हैं. तो कभी वृद्धाश्रम पहुंचकर वृद्धजनों से चर्चा करते दिख जाते हैं.
सिंधिया घराने की चौथी पीढ़ी
महाआर्यमन ज्योतिरादित्य सिंधिया के इकलौते बेटे हैं. सिंधिया की एक बेटी भी है. महाआर्यमन का जन्म 17 नबंवर 1995 को हुआ है. वो सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी है जो राजनीति में उतरी है. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह दून स्कूल से की. उसके बाद वो अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी ( Yale University) ग्रेजुएशन करने चले गए. उनके दादा माधवराव सिंधिया ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पूरी पढ़ाई की थी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री ली.
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