MP Nursing College Scam: मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में सरकार एक्शन मोड में आ गई है. सरकार ने अब उन अफसरों को शो-कॉज नोटिस जारी किया, जिन्होंने मान्यता देते वक्त उन 66 नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण किया था. नोटिस में नर्सिंग कॉलेजों की रिपोर्ट मानक स्तर की दिए जाने का कारण पूछा गया.
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Madhya Pradesh News: नर्सिंग कॉलेज घोटाला मामले में मध्य प्रदेश सरकार एक्शन मोड में आ गई है. एक दिन पहले CBI की जांच में अनफिट पाए गए 66 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई. अब सरकार ने उन 111 अफसरों को शो-कॉज नोटिस जारी किया, जिन्होंने मान्यता देने से पहले इन नर्सिंग कॉलेजों का निरीक्षण किया था. नोटिस में नर्सिंग कॉलेजों की रिपोर्ट मानक स्तर की दिए जाने का कारण पूछा गया.
यह नोटिस चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया. निरीक्षण करने वाले अफसरों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के असिस्टेंट प्रोफेसर और सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की टीचिंग फैकल्टी शामिल है. कुल 111 अफसरों ने कॉलेजों का निरीक्षण किया था. अफसरों की निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर 66 नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गईं थी.
छात्रों पर नहीं होगा असर
एक दिन पहले प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद 66 नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी. सरकार जिला कलेक्टरों को इन कॉलजों को सील करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए. कलेक्टरों अनफिट कॉलेजों की लिस्ट भेज दी गई. सबसे ज्यादा 8 कॉलेज बैतूल जिले के हैं. भोपाल दूसरे नंबर पर है. मान्यता रद्द होने के बाद नर्सिंग कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा. छात्र यूनिवर्सिटी की ओर से कराई जा रही परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे. परीक्षा के बाद छात्रों को मान्यता प्राप्त कॉलजों में ट्रांसफर लेना होगा. आगे की पढ़ाई वहीं करनी होगी.
सूटेबल कॉलेजों की भी होगी जांच
मंगलवार को जबलपुर हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए CBI की जांच में सूटेबल पाए गए नर्सिंग कॉलेजों की फिर से जांच करने के आदेश दिए हैं. HC ने पूरी जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी के आदेश दिए. जांच में संबंधित जिले के न्यायिक मजिस्ट्रेट भी CBI के साथ जांच में उपस्थित रहेंगे. कॉलेज संचालक और प्रिंसिपल की उपस्थिति में जांच और वीडियोग्राफी होगी. कोर्ट ने कहा कि नर्सिंग काउंसिल 2024-25 की मान्यता प्रक्रिया शुरू कर सकती है, लेकिन मान्यता शर्तों के आधार पर ही दी जा सकेंगी. इसके अलावा हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच में भ्रष्टाचार पर निराशा जताई. CBI ने ही अपने भ्रष्ट अधिकारियों को दबोचा इसलिए एजेंसी की निष्ठा पर सवाल नहीं उठाएंगे.