इस मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.सोमवार को मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और जस्टिस वीके शुक्ला की डबल बेंच ने सुनवाई की. जिसमें ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक को हटाने से इनकार किया गया.
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प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्य प्रदेश में 27% OBC आरक्षण मामले में फिलहाल रोक बरकरार रहने वाली है. इस मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी.सोमवार को मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और जस्टिस वीके शुक्ला की डबल बेंच ने सुनवाई की.जिसमें ओबीसी आरक्षण पर लगी रोक को हटाने से इनकार किया गया.पहले पक्षों को सुना गया और फिर सुनवाई को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया.
फिलहाल ओबीसी आरक्षण याचिकाकर्ता के एडवोकेट आदित्य सांघी ने बताया कि आज हाई कोर्ट में सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता, महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने पक्ष रखा. कांग्रेस की तरफ से भी OBC के बढ़े हुए आरक्षण के पक्ष में वकील खड़े थे. इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जय सिंह भी वर्चूअली जुड़ीं.
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बता दें कि ओबीसी आरक्षण का ये मुद्दा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में ढाई साल से चल रहा है.आज की बहस के दौरान सॉलिसिटर जनरल इंडिया तुषार मेहता सरकार की तरफ से खड़े हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इंदिरा साहनी 1992 में जो फैसला आया था. सब 9 जजों की बेंच की सुप्रीम कोर्ट ने कहा था 50 परसेंट से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता.
इस मामले में पहली सुनवाई 1 सितंबर को हुई थी. जिसमें प्रदेश सरकार को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने आरक्षण पर लगे स्टे को हटाने से इनकार कर दिया था. सरकार की तरफ से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव ने अपना पक्ष रखा पहले यह आरक्षण 14 % था, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 27 % कर दिया था. इसी के बाद से स्टे चल रहा है.
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